बिहार में नई सरकार बनने के बाद जदयू पहली बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद की बैठक करने वाली है. इस बैठक में नीतीश कुमार की पीएम पद की दावेदारी को लेकर चर्चा हो सकती है.
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पटना: बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद राजनीतिक दल अब आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं, ऐसे में राजनीतिक दलों में बैठकों के दौर शुरू हैं. ऐसे में बिहार में राजद के साथ मिलकर सरकार चला रही जदयू अगले माह तीन और चार तारीख को पटना में आयोजित जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद की बैठक करने वाली है.
राष्ट्रीय मुद्दे रहेंगे हावी
इस बैठक को लेकर हालांकि जदयू के नेता बहुत कुछ नहीं बोल रहे हैं, हालांकि, माना जा रहा है कि इस बैठक में राष्ट्रीय मुद्दे राज्य के मुद्दे से ज्यादा हावी होंगे.
नीतीश की पीएम दावेदारी पर लगेगी मुहर?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहां विपक्षी दलों को एकजुट करने को लेकर राज्य से बाहर निकलने की बात कर चुके हैं, जबकि उनकी पार्टी के नेता सहित सहयोगी दल राजद के नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारी को लेकर हवा दे रहे हैं.
जदयू का पीएम पद को लेकर रूख होगा साफ?
ऐसे में तय माना जा रहा है कि बैठक में विपक्ष को एकजुट करने के लिए नीतीश के निकलने की मुहर लग सकती है. इस बैठक में उनका दल उन्हें अधिकृत कर सकता है. नीतीश कुमार का नाम पीएम मैटेरियल के रूप में लिया जा रहा है. पार्टी इसपर क्या राय रखती है, यह बात भी सामने आएगी.
जदयू की तरफ से अभी स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री के दावेदार हो सकते हैं. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि नीतीश कुमार में पीएम बनने के सभी गुण हैं. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि पीएम के योग्य होने का मतलब यह नहीं कि वे पीएम पद के उम्मीदवार होंगे.
नीतीश सर्वाधिक योग्य
मुख्यमंत्री ने भी कई बार यह कह चुके हैं कि पीएम को लेकर उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं है. इस बीच, आरजेडी नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार को सर्वाधिक योग्य कहा है. ऐसे में यह भी तय माना जा रहा है कि जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस मामले को लेकर विचार विमर्श हो सकता है.
जदयू भाजपा को रोकने के लिए भी बैठक में कोई बड़ी रणनीति बना सकता है. जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह कह चुके हैं कि विपक्षी एकता के बाद भाजपा को झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल से ही इतनी सीटें कम हो सकती हैं कि उसे सत्ता से दूर किया जा सकता है. इस मुद्दे को लेकर भी कोई रणनीति बन सकती है.
जदयू की बैठक पर टिकी निगाह
बहरहाल, जदयू की इस राष्ट्रीय कार्यकारणी पर बिहार के सभी दलों की नजर रहेगी, अब देखना दिलचस्प होगा कि जदयू भाजपा को केंद और राज्य में रोकने के लिए क्या करती है.
(आईएएनएस)