JDU Vs JDU: बिहार में बहुत कुछ तय कर देगी 'असली कार्यकर्ताओं' की बैठक, आर-पार के मूड में नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा
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JDU Vs JDU: बिहार में बहुत कुछ तय कर देगी 'असली कार्यकर्ताओं' की बैठक, आर-पार के मूड में नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा

बिहार में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बागी नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने आज रविवार को सिन्हा लाइब्रेरी (Sinha Library) में पार्टी के 'असली कार्यकर्ताओं' की बैठक बुलाई है. इस बैठक को लेकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपेंद्र कुशवाहा गुट ने अपने-अपने तेवर सख्त कर लिए हैं.

JDU Vs JDU: बिहार में बहुत कुछ तय कर देगी 'असली कार्यकर्ताओं' की बैठक, आर-पार के मूड में नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा

JDU Vs JDU: बिहार में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बागी नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने आज रविवार को सिन्हा लाइब्रेरी (Sinha Library) में पार्टी के 'असली कार्यकर्ताओं' की बैठक बुलाई है. इस बैठक को लेकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपेंद्र कुशवाहा गुट ने अपने-अपने तेवर सख्त कर लिए हैं. नीतीश कुमार गुट की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lallan Singh), वशिष्ठ नारायण सिंह (Vashishtha Narayan Singh) और उमेश कुशवाहा (Umesh Kushwaha) ने बैठक को अवैध करार दिया है और इसे अवमानना करार दिया है, वहीं उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि पार्टी की बैठक बुलाना कैसे अवैध हो सकता है. उपेंद्र कुशवाहा ने जो बैठक बुलाई है, वो दो दिन तक चलने वाली है. बैठक रविवार को दोपहर 12:30 बजे शुरू होगी और अगले दिन सोमवार को खत्म होगी. उपेंद्र कुशवाहा के मुताबिक, बैठक में पार्टी नेता इस बात पर मंथन करेंगे कि सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जिस तरह से पार्टी को बर्बादी की कगार पर ले जा रहे हैं, उससे निपटने के लिए क्या किया जाना चाहिए.

  1. उपेंद्र कुशवाहा बने बागी, टूट की ओर बढ़ी जेडीयू 
  2. सीएम नीतीश कुमार कैसे एकजुट रखेंगे पार्टी को

तेजस्वी को प्रमोट करने से उपेंद्र कुशवाहा नाराज  

नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच मनमुटाव तब से शुरू हुआ है, जब से नीतीश कुमार ने 2025 का चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़े जाने का ऐलान किया है. उपेंद्र कुशवाहा बिहार में नीतीश कुमार के बाद खुद को दावेदार मानते हैं. इसलिए नीतीश कुमार के इस ऐलान को वे हजम नहीं कर पाए. उनका आरोप है कि नीतीश कुमार ने जदयू को राजद के हाथों गिरवी रख दिया है. उपेंद्र कुशवाहा बार बार यह भी कहते रहे हैं कि राजद के साथ गठबंधन के मौके पर क्या डील हुई थी, नीतीश कुमार को इस बात का खुलासा करना चाहिए. मनमुटाव धीरे धीरे बढ़ता गया और इसके साथ ही उपेंद्र कुशवाहा भी मुखर होते चले गए.

एम्स में भर्ती होने के बाद से बढ़ती गई नाराजगी 

पिछले दिनों उपेंद्र कुशवाहा तबियत खराब होने के चलते दिल्ली एम्स में भर्ती हुए तो बिहार के कुछ बीजेपी नेता उनसे मिलने पहुंचे. कहने को तो इसे सामान्य शिष्टाचार मुलाकात कहा गया लेकिन राजनीति के जानकार इसे बिहार खासतौर से जेडीयू की राजनीति में उथल पुथल का संकेत मान रहे थे. उसके बाद से लेकर अब तक उपेंद्र कुशवाहा सीएम नीतीश कुमार पर लगातार हमला कर रहे हैं. दिल्ली पहुंचने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने एयरपोर्ट पर भी नीतीश कुमार के खिलाफ आग उगलते हुए बहुत कुछ कहा. उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि नीतीश कुमार गलत तरीके से पार्टी चला रहे हैं, जिससे पार्टी बर्बादी की तरफ बढ़ रही है.

कुशवाहा का सवाल, क्या जेडीयू का विलय होने वाला है?

उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी ऐलान कर रखा है कि जो भी उनकी सिन्हा लाइब्रेरी में बुलाई बैठक में शामिल होगा, वहीं जेडीयू का असली वर्कर होगा. उपेंद्र कुशवाहा ने सवाल पूछा है कि क्या जेडीयू का राष्ट्रीय जनता दल में विलय होने वाला है. अगर ऐसा है तो नीतीश कुमार लाखों कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात करने वाले हैं. यही नहीं उन्होंने नीतीश कुमार को चिढ़ाने के लिए यह भी कहा कि अगर तेजस्वी यादव बिहार के सीएम बनते हैं तो राज्य में जंगलराज आ जाएगा. उन्होंने कहा कि इन्हीं सब बातों का विरोध करते हुए वे यह बैठक बुला रहे हैं.

फिर दोफाड़ की ओर बढ़ रही नीतीश की जेडीयू 

नीतीश कुमार के खिलाफ बैठक बुलाकर उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू में आर-पार का ऐलान कर दिया है. अब सवाल यह है कि इस बैठक को लेकर नीतीश कुमार का धड़ा क्या करने वाला है. जाहिर सी बात है कि जेडीयू दोफाड़ की तरह बढ़ रहा है. उपेंद्र कुशवाहा पर कोई भी कार्रवाई पार्टी में विभाजन की राह तैयार करेगी. विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश ने पार्टी को मजबूत करने के लिए जो कवायद शुरू की थी, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी का जेडीयू में विलय कराया था, वो अब फिर से अलग होने की राह पर हैं. नीतीश कुमार की दिक्कत केवल उपेंद्र कुशवाहा ही हैं, ऐसा भी नहीं है. आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर ने भी नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. देखना होगा कि नीतीश कुमार इन मुश्किलों से कैसे निजात पाते हैं.

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