Kartik 2022:कार्तिक माह अत्यधिक पवित्र माना जाता है. भारतके सभी तीर्थों के समान पुण्य फलों की प्राप्ति एक इस माह में मिलती है. इस माह में की पूजा तथा व्रत से ही तीर्थयात्रा के बराबर शुभ फलों की प्राप्ति हो जाती है.
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पटनाः Kartik 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का आठवां महीना कार्तिक होता है. पुराणों में कार्तिक मास को स्नान, व्रत व तप की दृष्टि से मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है. इस बार कार्तिक मास का स्नान 29 अक्तूबर से कार्तिक स्नान आरंभ हो रहा है. इस पूरे माह स्नान, दान, दीपदान, तुलसी विवाह, कार्तिक कथा का माहात्म्य आदि सुनते हैं. ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है व पापों का शमन होता है. पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति इस माह में स्नान, दान तथा व्रत करते हैं, उनके पापों का अन्त हो जाता है.
तीर्थयात्रा के बराबर मिलता है पुण्य
कार्तिक माह अत्यधिक पवित्र माना जाता है. भारत के सभी तीर्थों के समान पुण्य फलों की प्राप्ति एक इस माह में मिलती है. इस माह में की पूजा तथा व्रत से ही तीर्थयात्रा के बराबर शुभ फलों की प्राप्ति हो जाती है. इस माह के महत्व के बारे में स्कन्द पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण आदि प्राचीन ग्रंथों में मिलता है. कार्तिक माह में किए स्नान का फल, एक सहस्र बार किए गंगा स्नान के समान, सौ बार माघ स्नान के समान है. इस मास में कृष्ण पक्ष में एक तिथि की वृद्धि हो रही है और शुक्ल पक्ष में एक तिथि घट रही है. बाजार का रुख नरम होगा.
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
एक सूखा नारियल, पांच बतासा, या ढाई सौ ग्राम चीनी, तीन मुट्ठी आटा सफेद सूती वस्त्र में लपेटकर सायंकाल में नदी किनारे थोडा सा गड्ढा करके दबा दीजिए. और उसके उपर एक मिट्टी का दीपक जला दीजिए. इस मास में गंगा स्नान के बाद दीप-दान का फल दस यज्ञों के समान होता है. ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य ने इसे महा पुनीत पर्व कहा है. कार्तिक मास दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होता हैं.
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