Khelo Youth Games 2024: खेलो इंडिया यूथ टूर्नामेंट में बिहार का जलवा, आरा के शुभम ने रिकर्व तीरंदाजी में जीता गोल्ड
Advertisement

Khelo Youth Games 2024: खेलो इंडिया यूथ टूर्नामेंट में बिहार का जलवा, आरा के शुभम ने रिकर्व तीरंदाजी में जीता गोल्ड

Bihar News: पिछले महीने शुभम कुमार ने स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के लिए अपने होमटाउन बिहार के आरा से गुजरात के नडियाद तक जनरल डिब्बे में 30 घंटे की कठिन ट्रेन यात्रा की. 

Khelo Youth Games 2024: खेलो इंडिया यूथ टूर्नामेंट में बिहार का जलवा, आरा के शुभम ने रिकर्व तीरंदाजी में जीता गोल्ड

पटनाः Bihar News: पिछले महीने शुभम कुमार ने स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के लिए अपने होमटाउन बिहार के आरा से गुजरात के नडियाद तक जनरल डिब्बे में 30 घंटे की कठिन ट्रेन यात्रा की, लेकिन इतनी कठिनाई झेलने के बावजूद उन्होंने वहां टीम को कांस्य पदक दिलाया.

छठे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में आने के बाद शुभम ने पहले न तो इस स्तर की प्रतिस्पर्धा का सामना किया था और न ही इतने बड़े पैमाने की व्यवस्था देखी थी. लेकिन, उन्हें लड़कों की रिकर्व श्रेणी में बिहार के लिए खेलों का दूसरा स्वर्ण पदक जीतने से कोई नहीं रोक सका. चेन्नई के नेहरू पार्क स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में तीरंदाजी रेंज में उनके प्रदर्शन ने कई लोगों को आश्चर्यचकित किया होगा, लेकिन खुद शुभम को नहीं.

प्रसन्न होकर शुभम ने कहा, "मैं इस खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर आया था और मैंने वह हासिल कर लिया. मेरी शुरुआती शूटिंग उतनी अच्छी नहीं थी. मैं 11वें स्थान पर था, लेकिन मैंने सोचा कि मैं अगले दिन वापस आऊंगा और बेहतर प्रदर्शन करूंगा, चाहे कितनी भी हवा हो. "मुझे यहां बहुत कुछ सीखने को मिला. बहुत तेज हवा चल रही थी और आपको वास्तव में सावधान रहना होगा. उन्होंने कहा, ''मैंने पहले इस स्तर की प्रतिस्पर्धा और इस तरह की हवा का सामना नहीं किया था.''

शुभम की उपलब्धि तब और भी बड़ी हो जाती है, जब आप इस बात पर गौर करें कि उसने तीन साल पहले ही तीरंदाजी शुरू की थी और डेढ़ साल पहले रिकर्व से शुरुआत की थी. शुभम ने कहा, "मैंने दो साल तक भारतीय धनुष वर्ग में खेला लेकिन पदक नहीं मिला. फिर मैंने रिकर्व में कदम रखा और प्रदर्शन में कई उतार-चढ़ाव के बाद मैं इस स्तर पर पहुंचा हूं."

हालांकि वह अपने बेटे के खेल के सपने के पक्ष में थे, लेकिन शुभम के व्यवसायी पिता उसके रिकर्व उपकरण के लिए आवश्यक 3.5 लाख रुपये की भारी राशि खर्च करने से झिझक रहे थे. लेकिन उनकी मौसी के पति, जो एक शूटिंग पदक विजेता थे. उन्होंने शुभम के पिता को उपकरण में निवेश करने के लिए मना लिया क्योंकि उनका बेटा प्रतिभाशाली है.

10वीं कक्षा के छात्र आरा में एक निजी बहु-खेल स्थल में स्थित एक छोटी तीरंदाजी अकादमी में कोच नीरज कुमार सिंह के अधीन प्रशिक्षण लेते हैं. शुभम ने कहा, "मुझे यकीन है कि मैं जल्द ही अंतरराष्ट्रीय पदक लाऊंगा."
इनपुट-आईएएनएस के साथ 

यह भी पढ़ें- Bagaha News: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल में लगी भीषण आग, जीव जंतुओं में मची भगदड़

Trending news