Lalu Yadav Birthday: लालू का जब भूतों से हुआ था सामना...जान बचाने में छूट गए थे पसीने, जानें पूरा मामला
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Lalu Yadav Birthday: लालू का जब भूतों से हुआ था सामना...जान बचाने में छूट गए थे पसीने, जानें पूरा मामला

Lalu Yadav Birthday: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आज रविवार (11 जून) को अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं. लालू के जीवन की ऐसी भी घटना है कि वो भूत से डर गए थे. 

Lalu Yadav Birthday: लालू का जब भूतों से हुआ था सामना...जान बचाने में छूट गए थे पसीने, जानें पूरा मामला

Lalu Yadav Birthday: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आज रविवार (11 जून) को अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं. जन्मदिन के मौके पर आज राजद कार्यकर्ता पूरे धूमधाम से अपने नेता का जन्मदिन मनाने की तैयारी में लगा हुआ है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू यादव के जीवन के कई मजेदार और दिलचस्प किस्से है. लालू के जीवन की ऐसी भी घटना है कि वो भूत से डर गए थे. ऐसा हम नहीं बता रहे है इस किस्से के बारे में लालू यादव ने खुद अपने राजनीतिक जीवन पर लिखी किताब 'गोपालगंज से रायसीना' (Gopalganj To Raisina) में बताया है. चलिए आगे विस्तार से इस किस्से के बारे में जानते है. 

भूतों को भगाते थे शरीर के अंदर घुसकर  
लालू यादव के जीवन में एक ऐसा वक्त था कि उनका सामना भूतों से हुआ था. उस वक्त जान बचाने में पसीने छूट गए थे. लालू यादव अपनी किताब में अपनी जुबानी बताते है कि 'मेरे पिता (कुंदन राय) जो तीन भाई थे. उनके तीनो भाईयों में से एक भाई सूधन राय जिन्होंने शादी नहीं की थी और वो संन्यासी बन गए थे. संन्यासी बनने के बाद उन्होंने काली माई और स्थानीय देवता बरम बाबा की पूजा करना शुरू कर दिया. सूधन राय लोगों के शरीर में घुसकर भूतों को भगाते थे. 

'बड़े से पीपल का पेड़ के नीचे सो गया'
लालू यादव ने इस किस्से के बारे में आगे बताया कि जब भी हम भात और मछली की बात करते तो वो गुस्सा हो जाते और गालियां देने लगते थे. इसी दौरान एक बार मेरा भी (लालू यादव) भूतों से सामना हो गया. उस जिन गर्मियों की चमकदार पूर्णिमा की रात थी. हमारे घर के पीछे एक बड़े से पीपल का पेड़ था. उसके नीचे बरम बाबा का ठिकाना था. वहां रात के खाने के बाद घेरे में बैठकर लोग गांव के एक काका की भोजपुरी लोक प्रेमकथा सुन रहे थे. उन लोगों में मैं (लालू यादव) भी शामिल था. वैसे मुझे चैता, बिरहा, होली, सोरठी और लोक गीत सुनना पसंद है. आज भी उन्हें सुनता हूँ ये आपको जड़ों से जोड़े रखते हैं.  

'अच्छी आत्मा से हुआ था सामना'
उस दिन काका की भोजपुरी लोक प्रेम कथा सुनते-सुनते मुझे बरम बाबा के ठिकाने पर ही नींद आ गई. जिसके बाद में वहीं लगे भूसे के ढेर पर सो गया. प्रेम कथा खत्म होने के बाद सब अपने घर चले गए और मुझे (लालू) इसका पता नहीं चला और मैं वहीं सोता रहा. आधी रात को कुछ लड़को ने उन्हें जगाया और उन्हें घर चलने के लिए बोला. उसी दौरान लालू ने गांव के ही एक बुजुर्ग को देखा और लालू अपने घर लौट गए. अगले दिन जब सुबह लालू उठे तो उन्हें पता चला कि वे बुजुर्ग तो अपने घर सो रहे थे और रात में कहीं भी नहीं गए थे. जिसके बाद लालू ने अपनी मां को सारी बात बताई थी. जिसके बाद लालू की मां ने उन्हें बताया कि जिनसे वो रात में मिले है वो अच्छी आत्मा होगी. जिसने तुम्हें उन भूतों से बचाया है, जो तुम्हारे दोस्त बनकर आए थे. 

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