16 साल पहले बिहार के गुरु शिष्या की प्रेम कहानी एक बार फिर चर्चा में, जानें कहां हैं मटुकनाथ और जूली
Advertisement

16 साल पहले बिहार के गुरु शिष्या की प्रेम कहानी एक बार फिर चर्चा में, जानें कहां हैं मटुकनाथ और जूली

बिहार की एक प्रेम कहानी आज से 16 साल पहले ऐसे चर्चा में आई की इसने पूरे देश में खलबली मचा दी थी. इस प्रेम कहानी के जो दो किरदार थे उनके रिश्ते की बात करें तो इस देश में सबसे पूजनीय और दूसरा सबसे पवित्र रिश्ता था. मतलब गुरु और शिष्या.

(फाइल फोटो)

Ajab Gajab  Love Story: बिहार की एक प्रेम कहानी आज से 16 साल पहले ऐसे चर्चा में आई की इसने पूरे देश में खलबली मचा दी थी. इस प्रेम कहानी के जो दो किरदार थे उनके रिश्ते की बात करें तो इस देश में सबसे पूजनीय और दूसरा सबसे पवित्र रिश्ता था. मतलब गुरु और शिष्या. एक तो गुरु इस देश में प्रथम पूजनीय और दूसरा उनका छात्र या छात्रा के साथ रिश्ता सर्वथा पवित्र माना गया है. ऐसे में एक प्रोफेसर को उसकी शिष्या से प्यार हो गया और दोनों साथ जीने मरने की कसमें खाने लगे तो लोगों को समझ में आ गया कि होना क्या है? वही होना था जो सबने सोचा था 16 साल पहले के समाज में इस रिश्ते को पचा पाना बड़ा मुश्किल हो रहा था. 

इस गुरु शिष्या के प्रेम वाली जोड़ी को तब टीवी के स्टूडियो में खूब देखा गया. चैनलों पर दोनों के रिश्तों को लेकर कई दिनों तक बहस चलती रही. तब इस जोड़ी ने टीवी चैनलों को खूब टीआरपी दिलाई. हालांकि तब समाज थोड़ा हिचक रहा था इस रिश्ते को स्वीकार करने में क्योंकि आज से उस समय का फासला भी कुछ 16 साल से ज्यादा का है. 

प्रोफेसर मटुकनाथ और जूली के रिश्ते की कीमत प्रोफेसर साहब को कई बार चुकानी पड़ी. उनके चेहरे पर कालिख तक पोती गई. विश्वविद्यालय की तरफ से इस रिश्ते को स्वीकार करना इतना मुश्किल हो गया कि प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया. फिर भी दोनों ने एक दूसरे का हाथ इतनी मजबूती से पकड़ा था कि छोड़ने को तैयार नहीं थे. तब प्रोफेसर मटुकनाथ और उनकी प्रेमिका जूली के बीच उम्र का फासला 30 वर्ष के करीब का था. 

फिर मीडिया में रिपोर्ट आई की मटुकनाथ और जूली साल 2007 से 14 तक लिव इन रिलेशन में रहे. फिर दोनों के रिश्तों में दूरियां आनी शुरू हुई और फिर क्या था रिश्तों में दरार का सिलसिला शुरू हुआ. 2013 तक जो रिश्ते सामान्य थे उसमें बदलाव आ गया. जूली का मन आध्यात्म की तरफ गया और वह कई आध्यात्मिक गुरुओं के संपर्क में आई. मटुकनाथ ने तब बताया कि वह कई गंदे लोगों के संपर्क में आ गई. फिर दोनों के रिश्ते खत्म होने लगे. 

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024 Saran Seat: राहुल सांकृत्यायन की कर्मभूमि, कभी कांग्रेस तो कभी राजद का किला रहा यह लोकसभा सीट अब भाजपा के कब्जे में

फिर पता चला की जूली अपने परिवार के पास सूरीनामा चली गई लेकिन उसके परिवार ने उन्हें स्वीकार नहीं किया. फिर जूली कैरेबियाई देश त्रिनिदाद में एक आध्यात्मिक गुरु के पास अपनी सहली के साथ चली गई. इसके बाद वह मानसिक और शारीरिक दोनों तौर पर बीमार रहने लगी और अब खबर आ रही है कि वह एक एक सरकारी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं.

मटुकनाथ इन दिनों भागलपुर में अकेले रहते हैं. इस दौरान मटुकनाथ ने जूली को कई बार भारत बुलाने की कोशिश भी की. वहीं मटुकनाथ के परिवार वालों ने भी उनका साथ छोड़ दिया. अब जूली जिंदगी और मौत से लड़ रही है तो मटुकनाथ अकेले जिंदगी जी रहे हैं. 

 

Trending news