Kalsarp Dosh वालों के लिए रामबाण से कम नहीं है यह मंत्र, जाप करें और मुक्ति पाएं | Nag Panchami 2023
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Kalsarp Dosh वालों के लिए रामबाण से कम नहीं है यह मंत्र, जाप करें और मुक्ति पाएं | Nag Panchami 2023

Nag Panchami 2023: अगर सृष्टि की बात करें तो इसके मूलाधार नाग ही हैं. तक्षक देवता ने वचन दिया था कि जो जातक हमारे इस तीर्थस्थल पर आकर तर्पण करेगा उसे कभी सांप, बिच्छू या जहरीले जानवर के काटने का भय नहीं होगा.

Kalsarp Dosh वालों के लिए रामबाण से कम नहीं है यह मंत्र, जाप करें और मुक्ति पाएं | Nag Panchami 2023

पटना: Kalsarp Dosh:  नाग पंचमी सोमवार 21 अगस्त 2023 को मनाई जाएगी. इस दिन जिन जातकों का जन्म रोहिणी और मृगशिरा नामक नक्षत्र में हो उनकी योनि सर्प कहलाती है. यदि इस योनि में पैदा होने पर उपरोक्त योग हो तो इन जातकों को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है अतः इनकी शांति करा लेनी चाहिए. अगर आपकी राशि में कालसर्प दोष है तो इस मंत्र का जाप करें. यह मंत्र आपको कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाएगा.

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यह मंत्र कालसर्प से दिलाएगा मुक्ति
पंडित कौशल पांडेय का कहनमा है कि राहु धनदाता एवं केतु मोक्षदाता कहलाता है. पितृदोष के कारण धन और मोक्ष की प्राप्ति में बाधायें आती हैं. अतः कालसर्प योग, सर्पदोष,सार्पशीर्ष और राहु केतु से पीड़ित व्यक्ति को समय रहते इनकी शांति करा लेनी चाहिए. साथ ही कहा कि नागों से मुक्ति पानी है तो "ऊँ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वी मनु ये अंतरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नमः" मंत्र का जाप करें. नाग पंचमी के दिन इस मंत्र का जाप करतें है तो आप कालसर्प से मुक्ति पा सकते हैं.

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इन तीर्थस्थल पर विराजमान है नाग देवता
पंडित कौशल पांडेय ने आगे बताया कि गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम स्थल प्रयागराज है. इन सभी तीर्थस्थल पर सर्प जाति के नाग देवता वास करते हैं. अगर सृष्टि की बात करें तो इसके मूलाधार नाग ही हैं. तक्षक देवता ने वचन दिया था कि जो जातक हमारे इस तीर्थस्थल पर आकर तर्पण करेगा उसे कभी सांप, बिच्छू या जहरीले जानवर के काटने का भय नहीं होगा.

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नागों की ऐसे करें पूजा
पंडित जी का कहना है कि श्रावण शुक्ल पंचमी को उपवास कर नागों की पूजा करनी चाहिए. बारह महीने तक चतुर्थी तिथि के दिन एक बार भोजन करके पंचमी को व्रत करें. इसके अलावा मिट्टी से नाग को बनाएं और पंचमी के दिन कमल, करवीर आदि पुष्प के अलावा गंध, धूप और विविध नैवेद्य से नाग की पूजा करें.

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