NEET Paper Leak Case: नीट परीक्षा मामले में बड़ा खुलासा, देवघर से 5 शातिर गिरफ्तार
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NEET Paper Leak Case: नीट परीक्षा मामले में बड़ा खुलासा, देवघर से 5 शातिर गिरफ्तार

Jharkhand News: सिकंदर ने बताया कि उसने 30-32 लाख रुपए में अमित आनंद और नीतीश कुमार से पेपर खरीदा था. इसके बाद उसने यह पेपर समस्तीपुर के अनुराग यादव, दानापुर पटना के आयुष कुमार, गया के शिवनंदन कुमार और रांची के अभिषेक कुमार को 40-40 लाख रुपए में बेचा था. 

NEET Paper Leak Case: नीट परीक्षा मामले में बड़ा खुलासा, देवघर से 5 शातिर गिरफ्तार

NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक मामले में देशभर में बवाल मचा हुआ है. इस बीच झारखंड के देवघर से पांच शातिर लोगों की गिरफ्तारी की खबर आई है. पुलिस का मानना है कि इन पांचों का नीट पेपर लीक में बड़ा हाथ हो सकता है और अब उनसे पूछताछ की जाएगी. इस मामले में हजारीबाग के एक सेंटर से पेपर लीक होने का बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के अनुसार पटना में मिली जली हुई प्रश्न पत्र की बुकलेट के आधार पर यह पता चला है कि पेपर सबसे पहले हजारीबाग के सेंटर से लीक हुआ था.

जानकारी के लिए बता दें कि नीट पेपर लीक के एक प्रमुख आरोपी सिकंदर यादवेंद्र ने अपने कबूलनामे में महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं. सिकंदर ने बताया कि उसने 30-32 लाख रुपए में अमित आनंद और नीतीश कुमार से पेपर खरीदा था. इसके बाद उसने यह पेपर समस्तीपुर के अनुराग यादव, दानापुर पटना के आयुष कुमार, गया के शिवनंदन कुमार और रांची के अभिषेक कुमार को 40-40 लाख रुपए में बेचा था. पेपर बेचने के बाद पटना के रामकृष्णा नगर में 4 मई की रात को इन चारों उम्मीदवारों को पेपर रटवाया गया था.

इस मामले में संजीव मुखिया उर्फ लूटन की तलाश अभी भी जारी है. पुलिस संजीव मुखिया को खोजने में जुटी हुई है, क्योंकि उसका बेटा शिव कुमार पहले से ही बीपीएससी पेपर लीक मामले में जेल में है. अब तक बिहार में 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और पुलिस को शक है कि संजीव मुखिया के तार नीट परीक्षा लीक मामले से भी जुड़े हो सकते हैं. संजीव मुखिया के बारे में जानकारी है कि वह पिछले 20 सालों में अनेक परीक्षाओं को लीक कराने में शामिल रहा है और पहले भी जेल जा चुका है.

पुलिस इस मामले की जांच में पूरी मेहनत कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही और भी बड़े खुलासे होंगे. इस पेपर लीक कांड ने नीट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा की शुचिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और छात्रों व अभिभावकों में भारी निराशा पैदा की है. पुलिस और संबंधित जांच एजेंसियों पर अब जिम्मेदारी है कि वे मामले की गहराई से जांच करें और दोषियों को सख्त सजा दिलवाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और परीक्षाओं की शुचिता बनी रहे.

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