इन शहरों में 27 और 28 नवंबर से गंगा जल की होगी सप्लाई, सीएम नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा
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इन शहरों में 27 और 28 नवंबर से गंगा जल की होगी सप्लाई, सीएम नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा

गंगा जलापूर्ति योजना का पहला चरण पूरा हो गया है. चार हजार करोड़ से ज्यादा की योजना के पहले चरण में गया, बोधगया और राजगीर शहर के लोगों में पानी की सप्लाई शुरू हो जायेगी. इसके लिए 27 और 28 नवंबर की तारीख तय की गयी है.

(फाइल फोटो)

पटना : गंगा जलापूर्ति योजना का पहला चरण पूरा हो गया है. चार हजार करोड़ से ज्यादा की योजना के पहले चरण में गया, बोधगया और राजगीर शहर के लोगों में पानी की सप्लाई शुरू हो जायेगी. इसके लिए 27 और 28 नवंबर की तारीख तय की गयी है. 27 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजगीर में जलापूर्ति योजना में घरों में पानी सप्लाई की शुरुआत करेंगे, तो 28 को गया और बोधगया में योजना का उद्घाटन होगा. तीन साल पहले 2019 के दिसंबर में गया में हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना को पास किया गया था. तीन साल से कम समय में योजना का पहला चरण पूरा कर लिया गया है, जबकि दूसरे चरण में नवादा में गंगा जल पहुंचाने का काम 2023 में पूरा होगा. 
 

सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट
जल-जीवन- हरियाली अभियान के तहत बिहार के चार शहरों में गंगा जल आपूर्ति योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी, जिसका काम मिशन मोड में शुरू हुआ. कोरोना के दौरान भी योजना पर काम चलता रहा. जल संसाधन विभाग की ओर से इस योजना को पूरा करवाया जा रहा है. मेघा इंजीनियरिंग नाम की कंपनी की ओर से गंगा जलापूर्ति योजना का काम किया जा रहा है, जिसका पहला चरण पूरा हो गया है. पटना से मोकामा इलाके के हाथीदह से गंगा का जल राजगीर, नवादा और गया में पहुंचाया जा रहा है, जिसे स्थानीय स्तर पर बड़े जलाशयों में स्टोर किया जा रहा है. 

बारिश में स्टोर होगा जल
जल संसाधन मंत्री संजय झा का कहना है कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां पर बाढ़ के पानी को पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसको क्रमबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है. पहले चरण में गया और बोधगया के पाच हजार घरों में गंगा जल की सप्लाई 28 नवंबर से शुरू हो जायेगी. इसके लिए ट्रायल पूरा कर लिया गया है. ऐसे ही राजगीर में गंगा जल सप्लाई का ट्रायल पूरा हो चुका है. वहां के लोगों को 27 नवंबर से ही गंगा जल मिलना शुरू हो जायेगा. 

टैंकर से होती थी सप्लाई
राजगीर, गया, बोधगया और नवादा बिहार के ऐसे शहर हैं, जहां पर गर्मी में पेयजल की घोर किल्लत होती थी. वाटर लेवल नीचे जाने की वजह से इन जगहों पर टैंकर से पानी की सप्लाई करनी पड़ती थी, जिसके लिए सरकारी स्तर पर कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी. इसी को देखते हुये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2018 में जल जीवन हरियाली अभियान की परिकल्पना की, तो उसमें चार शहरों में गंगा जल की सप्लाई की योजना तैयार की गयी, ताकि गर्मियों समेत पूरे साल इन शहरों में पीने के पानी की किल्लत नहीं हो. 

दूसरे राज्यों का मॉडल देख किया गया प्रोजेक्ट तैयार 
बिहार से जल संसाधन विभाग की टीमों में तेलंगना और अन्य राज्यों का दौरा किया, जहां पर पानी की किल्लत के समय सप्लाई के लिए झीलों आदि से व्यवस्था की गयी है. वहां के मॉडल का अध्ययन किया गया और उसके बाद गंगा जल आपूर्ति योजना को तैयार किया गया. हैदराबाद की कंपनी मेघा इंजीनियरिंग को इस योजना का काम मिला, जिसके इंजीनियरों ने इस बड़े काम को पूरा करने का जिम्मा उठाया और लगभग दो हजार लोगों को इसे पूरा करने के लिए लगाया गया. 

हाथीदह में बना चैनल
गंगा जल को बारिश के समय चार महीने तक नवादा के मोतनाजे और गया के तेतर जलाशय में इकट्ठा किया जायेगा. इसके बाद यहीं से पानी को सप्लाई के लिए शहरों में भेजा जायेगा, जहां पर इसे शोधित करके सप्लाई किया जायेगा. इसके लिए पटना के हाथीदह में चैनल बनाया गया है. यहीं पर योजना का बेस कैंप है, जहां पर तीन बड़ी मशीनों के जरिये गंगा जल को लिफ्ट किया जा रहा है. यहां से एक सौ किलोमीटर से दूर पानी को पाइप लाइन के जरिये भेजा जा रहा है. 

सतत हो रही इसकी निगरानी
हाथीदह से मोतनाजे और तेतर जलाशय तक पाइप लाइन बिछाई गयी है, जिसकी सतत निगारनी हो रही है. जमीन के अंदर से पाइप लाइन बिछायी गयी है, जिसमें ज्वाइंट पर ऐसा सिस्टम लगाया गया है, अगर किसी तरह की समस्या हो, तो उसे उसी स्थान पर ठीक किया जा सके. गया में एक स्थान पर पाइप लाइन रको रेलवे लाइन के ऊपर निकाला गया है. इसके लिए रेलवे से इजाजत लेनी पड़ी, जिसमें लंबा समय लगा, लेकिन रेलवे की इजाजत मिलने के साथ पाइप लाइन को बिछाने का काम पूरा किया गया.

जलाशयों को इसके लिए तैयार किया गया
नवादा के मोतनाजे और गया के तेतर में जहां पर गंगाजल को इकट्ठा किया जा रहा है, वहां की भौगोलिक स्थिति को देख कर इसे चुना गया है. मोतनाजे नालंदा और नवादा जिले के बार्डर पर है. यहां बने जलाशय के दो तरफ पहाड़ है, जबकि शेष दो तरफ बांध का निर्माण कराया गया. यहां एक तरफ घोड़ा कटोरा झील है, जहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित है. ऐसे ही तेतर जलाशय तीन तरफ पहाड़ से घिरा है. यहां एक तरफ बांध का निर्माण कराया गया है. 

मुख्यमंत्री ने किया निरीक्षण
गंगाजल आपूर्ति योजना का नाम पहले गंगाजल उद्धव योजना था, जिसका बाद में नाम बदला गया, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार योजना को लेकर काफी उत्साहित थे. उन्होंने आधा दर्जन से ज्यादा बार इसका निरीक्षण किया. इस साल मई में जब नवादा के मोतनाजे में गंगा जल पहुंचा, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद देखने पंहुचे थे. इसके बाद अक्तूबर महीने में गया के तेतर में गंगा जल पहुंचना शुरू हुआ, तब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद रहे.

मैदान से पहाड़ में पंहुचा दिया पानी 
वित्त मंत्री विजय चौधरी गंगा जल आपूर्ति योजना को असंभव जैसा काम बताते हैं और कहते हैं कि ये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन का परिणाम है. जिन्होंने पहाड़ों से निकली गंगा को फिर से पहाड़ के लोगों तक पहुंचा दिया, जहां पर पीने के पानी की किल्लत थी, वहां के लोग अब गंगा जल पियेंगे, ये बड़ी पहल है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि पहले गया, नवादा और राजगीर के लोग गंगाजल के दर्शन के लिए पटना जाते थे, लेकिन अब गंगा जल की सप्लाई उनके घरों में होगी. 

पर्यटकों को मिलेगा गंगा जल
बोधगया और राजगीर बिहार के प्रमुख पर्यटक स्थलों में शामिल हैं. यहां आनेवाले पर्यटकों को भी अब गंगा जल मिलेगा, क्योंकि सरकार ने दोनों शहरों में बने विभिन्न होटलों और कंवेंशन सेंटरों को भी गंगा जल आपूर्ति कर रही है. इसके लिए जलापूर्ति योजना का कनेक्शन इनकों दिया जा चुका है.

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