ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट BF. 7 सबसे पहले नॉर्थवेस्ट चीन के मंगोलिया ऑटोनोमस रीजन में पाया गया था. साथ ही यही सब-वैरिएंट चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार है. ओमिक्रॉन का ये नया सब-वैरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है.
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पटना : भारत में त्योहारी सीजन का दौर चल रहा है. बाजारों में दिवाली, धनतेसर और महापर्व छठ की खरीदारी के लिए लोग बाजार में पहुंच रहे हैं. कोरोना महामारी के चलते करीब दो साल के बाद बाजारों में एक बार फिर रौनक लौट ही रही थी, कि एक बार फिर भारत में कोरोना के नए सब-वेरिएंट BA.5.1.7 और BF.7 ने दस्तक दे दी है. बता दें कि नए सब-वेरिएंट BA.5.1.7 और BF.7 को कोविड-19 का सबसे नया स्ट्रेन माना जा रहा है. देश के अंदर BF.7 का एक मामला सामने आ चुका है. ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए वेरिएंट्स के लक्षण काफी आम है, लेकिन ये काफी संक्रामक माना जा रहा है. त्योहार पर खरीदारी के लिए जाने वाले लोग सावधानी बरतकर नियमों का पालन करें.
जानें क्या है ओमिक्रॉन BF.7
बता दें कि ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट BF. 7 सबसे पहले नॉर्थवेस्ट चीन के मंगोलिया ऑटोनोमस रीजन में पाया गया था. साथ ही यही सब-वैरिएंट चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार है. ओमिक्रॉन का ये नया सब-वैरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है. अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम के बाद इसके लक्षण अब भारत में भी पाए गए है. इस नए ओमिक्रॉन BF. 7 को 'ओमिक्रोन स्पॉन' के रूप में भी जाना जाता है. भारत में भी ओमिक्रॉन BF. 7 का एक मामला दर्ज किया गया है. BF. 7 का ये मामला गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर में पाया गया है. ऐसे में एक्सपर्ट्स ने लोगों से त्योहारों के दौरान विशेष सावधानी बरतने की अपील की है.
BF. 7 वैरिएंट का काफी ज्यादा हाई है इंफेक्शन रेट
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन BF. 7 को लेकर एक आशंका जताई जा रही है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह वैरिएंट पहले से मौजूद वैरिएंट को रिप्लेस कर देगा. BF. 7 वैरिएंट का इंफेक्शन रेट काफी ज्यादा हाई है. उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट के लक्षण काफी ज्यादा हल्के हैं और इनसे घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन जो लोग हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज और लिवर डिजीज की समस्याओं से जूझ रहे हैं उनमें इसके लक्षण गंभीर नजर आ सकते है.
ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BF. 7 के क्या है लक्षण
बता दें कि ओमिक्रॉन के सबसे कॉमन लक्षणों में शामिल हैं. लगातार खांसी सुनने में दिक्कत छाती में दर्द कंपकंपी लगना स्मेल में बदलाव क्यों है इससे घबराने की जरूरत नहीं है. नए वैरिएंट और सब-वैरिएंट के साथ ही कोविड 19 के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसके गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं. जब भी कभी कोविड का कोई नया वैरिएंट आता है तो इससे कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के चांसेस काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि फेस्टिव सीजन में अधितकर लोग शॉपिंग करने के लिए निकलते हैं जहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जाता है. इसके साथ ही लोग बिना मास्क के ही ट्रैवल करते हैं जिससे इस दौरान कोविड के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं. उन्होंने कहा कि जरूरी है कि फेस्टिव सीजन में मास्क पहनने से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सभी तरह की सावधानियां बरती जाएं. इसके साथ ही जरूरी है कि आप भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें और बिना काम के मार्केट ना जाएं. क्या हैं इस नए सब-वैरिएंट से जुड़ी चिंताएं. ओमिक्रॉन का यह सब-वैरिएंट पहले हुए इंफेक्शन या वैक्सीनेशन से बनी एंटीबॉडीज को आसानी से चकमा दे सकता है. बता दें कि इन नए वैरिएंट्स में कुछ वायरल कण ही किसी व्यक्ति को संक्रमित करने के लिए काफी हैं. इसका मतलब है कि बाकी सभी वायरस की तुलना में इस वायरस के थोड़े से ही संपर्क में आने से आप भी संक्रमित हो सकते हैं.
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