पटना AIIMS ने शुरू किया 6 साल का M.CH कोर्स, ऐसा करने वाला बना पहला संस्थान
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पटना AIIMS ने शुरू किया 6 साल का M.CH कोर्स, ऐसा करने वाला बना पहला संस्थान

Patna AIIMS: पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रामा सेंटर और क्रिटिकल केयर विभाग ने 6 साल का एम. सीएच कोर्स शुरू किया है. इसके साथ ही पटना एम्स देश जा पहला संस्थान है, जो ट्रामा में 6 साल का एकीकृत एम सीएच कोर्स शुरू किया है.

पटना AIIMS ने शुरू किया 6 साल का M.CH कोर्स, ऐसा करने वाला बना पहला संस्थान

पटना:Patna AIIMS: पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रामा सेंटर और क्रिटिकल केयर विभाग ने 6 साल का एम. सीएच कोर्स शुरू किया है. इसके साथ ही पटना एम्स देश जा पहला संस्थान है, जो ट्रामा में 6 साल का एकीकृत एम सीएच कोर्स शुरू किया है. पाठ्यक्रम को एम्स पटना ट्रॉमा सर्जरी टीम द्वारा संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. जी के पाल के मार्गदर्शन से विकसित किया गया है. इस पाठ्यक्रम में कई अंगों की चोटों, गंभीर फ्रैक्चर, न्यूरोट्रॉमा मामलों और जीवन समर्थन की आवश्यकता वाले गंभीर मामलों, गहन देखभाल की अवधारणा, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है.

संस्थान में इस विषय को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में जेपीएन एपेक्स ट्रॉमा सेंटर, एम्स नई दिल्ली के बाहरी विशेषज्ञ डॉ. अमित गुप्ता, डीन डॉ. उमेश भदानी, चिकित्सा अधीक्षक-डॉ. सीएम सिंह, ट्रॉमा सर्जरी और क्रिटिकल केयर के प्रमुख-डॉ. अनिल कुमार, विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अनुराग, डॉ. माजिद अनवर, डॉ. रेखा और डॉ. संजय उपस्थित रहे. जाने माने ट्रामा सर्जन डॉ. अमित गुप्ता ने कहा कि एम्स पटना मरीजों की देखभाल, अनुसंधान के साथ-साथ राष्ट्रीय क्षमता निर्माण के लिए अत्याधुनिक ट्रॉमा सेवाओं का विकास कर रहा है. ट्रॉमा सर्जरी और क्रिटिकल केयर में अपनी तरह के पहले 6 साल के एकीकृत एम.सीएच पाठ्यक्रम की शुरुआत एक अभिनव और दूरदर्शी पाठ्यक्रम है. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस अनूठे पाठ्यक्रम का राष्ट्रीय महत्व के अन्य सभी संस्थानों में अनुकरण किया जाएगा और यह ट्रॉमा सर्जरी और गंभीर देखभाल में देश की क्षमता को बढ़ाएगा और चोटों के बाद मृत्यु दर और रुग्णता को कम करने में मदद करेगा।

पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक बनने के बाद डॉ. जी.के. पाल ने ट्रॉमा सेंटर का मूल्यांकन किया और ट्रॉमा रोगियों के लिए गुणवत्तापूर्ण देखभाल में सुधार करने का निर्णय लिया. डॉ. पाल ने इस बात पर जोर दिया कि 6 वर्षीय एम.सीएच शुरू करना समय की मांग है. ट्रॉमा सर्जरी और क्रिटिकल केयर के प्रमुख डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि आघात में अनुसंधान में भी सुधार होगा. डॉ. कुमार ने सभी संकाय सदस्यों का देश के लिए ट्रॉमा सर्जरी और क्रिटिकल केयर में 6 साल के एकीकृत एम.सीएच कोर्स के मजबूत पाठ्यक्रम बनाने में योगदान देने वालों का आभार जताया. इस पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम पात्रता मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज से 1 वर्ष की अनिवार्य इंटर्नशिप के साथ एमबीबीएस है. एम्स पटना में इस कोर्स के लिए कुल सीटें प्रति वर्ष 6 हैं. इस साल देश के टॉप रैंकर्स एम्स पटना में इस कोर्स में शामिल हो रहे हैं.

इनपुट- आईएएनएस

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