इस केस को लेकर आईजीआईएमएस में कोविड के नोडल अफसर मनीष मंडल ने बताया कि इस तरह के मामले बेहद दुर्लभ हैं
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Patna: कोरोना काल में हर तरफ निराशा सी छा रही है. इसके बाद भी कुछ ख़बरें ऐसी आ रही है, जिनसे लोग इस महामारी का सामना करने के लिए एक बार फिर से तैयार हो रहें हैं. पटना में एक 17 साल के युवक ने कोरोना को हरा दिया है. कोरोना की वजह से उसका ऑक्सीजन लेवल बेहद गिर गया था. इसके अलावा उसके फेफड़े भी 90 प्रतिशत से ज्यादा ख़राब हो चुके थे.
इस केस को लेकर आईजीआईएमएस में कोविड के नोडल अफसर मनीष मंडल ने बताया कि इस तरह के मामले बेहद दुर्लभ हैं. इससे साफ़ है कि कोरोना के मरीज इस हालात में आ कर भी ठीक हो सकते हैं. बस उन्हें संयम से काम लेना होगा. वहीं लड़के को लेकर उन्होंने बताया था कि अगर उसे ICU में बेड न मिलता तो उसकी मौत हो सकती थी. उसका ऑक्सीजन लेवल 40 पर पहुंच गया था.
इसके बाद जब उसका इलाज किया गया तो उसका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल अचानक से बढ़ गया. जिसके बाद उसका सिटी स्कैन कराया गया. तो जिसने देखा तो दंग रह गया. लड़के के फेफड़े जो 90 फीसदी तक ख़राब हो चुके थे, वो फिर से काम करने लगे. इस दौरान लड़के को पांच दिन आईसीयू और सात दिन एचडीयू में रखा गया था. युवक 15 दिन एक बार फिर से अपने घर वापस जा चुका है.
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वहीं ठीक होने के बाद लड़के ने बताया कि वो हमेशा से सकारात्मक सोच रहा था. उसे उम्मीद थी कि वो इस बीमारी को हरा देंगे. उसने आगे बताया कि उसके घर में कई लोग बीमार थे. उसके पिता भी कोरोना से संक्रमित हो चुके थे. ऐसे में वो इस बीमारी को हराना चाहता था.