Paush Putrada Ekadashi Vrat: पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन पति-पत्नी दोनों को व्रत रहना चाहिए. शाम के समय पुत्रदा एकादशी व्रत कथा सुनें और फलाहार करें.
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पटनाः Paush Putrda Ekadashi 2023: साल 2023 की शुरुआत के दूसरे ही दिन एकादशी का व्रत पड़ रहा है. यह एकादशी पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. इस पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से जानते हैं. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. इसके व्रत के करने से संतान को हुई समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है. इस दिन व्रत रखने से धन और आरोग्य भी प्राप्त होता है, इसके लिए एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने का विधान है.
इस विधि से करें पौष पुत्रदा एकादशी की पूजा (Paush Putrada Ekadashi Puja Vidhi)
सबसे पहले सुबह काल में स्नान आदि करने के बाद पति और पत्नी दोनों साथ में पूजा स्थल पर भगवान विष्णु या बाल गोपाल की प्रतिमा को स्थापित करें और उनको पंचामृत से स्नान कराएं. फिर चंदन से तिलक लगाएं और वस्त्र पहनाएं. इसके पश्चात पीले पुष्प, पीले फल, तुलसी दल अर्पित करें और धूप-दीप आदि से आरती करें. पूजा के समय संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें.
देवकीसुतं गोविन्दम् वासुदेव जगत्पते.
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:..
इस दिन पति-पत्नी दोनों को व्रत रहना चाहिए. शाम के समय पुत्रदा एकादशी व्रत कथा सुनें और फलाहार करें. फिर अगले दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा करें. ब्राह्मणों को भोजन कराएं तथा दान दक्षिणा दें. फिर पारण के समय व्रत खोलें.
ये है व्रत के लिए तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 1 जनवरी को शाम 7 बजकर 12 मिनट पर होगा और इसका समापन 2 जनवरी शाम 8 बजकर 24 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 2 जनवरी 2023, सोमवार के रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार पुत्रदा एकादशी का पारण समय 3 जनवरी को सुबह 7 बजकर 12 मिनट से 9 बजकर 30 मिनट के बीच रहेगा.