Air Pollution in Patna: हवा में बुरी तरह घुल गया है प्रदूषण, घरों के अंदर भी सांस लेना मुश्किल
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Air Pollution in Patna: हवा में बुरी तरह घुल गया है प्रदूषण, घरों के अंदर भी सांस लेना मुश्किल

Air Pollution in Patna: प्रदूषण का लेवल इतना खतरनाक है कि अब घरों के अंदर की हवा भी प्रदूषित हो गई है. इंडियन पाल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आइपीसीए) के शोध के अनुसार, घर में 2.5 पीपीएम का स्तर सुबह छह से नौ बजे और रात नौ से 12 बजे के बीच सबसे ज्यादा रहता है. 

Air Pollution in Patna: हवा में बुरी तरह घुल गया है प्रदूषण, घरों के अंदर भी सांस लेना मुश्किल

पटनाः Air Pollution in Patna: जहां एक तरफ देश के प्रमुख महानगरों में प्रदूषण से लोगों का दम फूल रहा है तो बिहार की राजधानी पटना में हालात कुछ अच्छे नहीं है. यहां की हवा में भी सांस लेना मुश्किल हो रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक, दूषित हवा में सांस लेने से होने वाले रोगों के रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसमें सामान्य खांसी, खराश के ही मरीज नहीं बल्कि ब्रांकाइटिस और अस्थमा, साइनस जैसे पीड़ित तो शामिल हैं ही,  फेफड़ों के कैंसर तक के रोगियों की संख्या बढ़ रही है. 

घरों के अंदर भी प्रदूषण
प्रदूषण का लेवल इतना खतरनाक है कि अब घरों के अंदर की हवा भी प्रदूषित हो गई है. इंडियन पाल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आइपीसीए) के शोध के अनुसार, घर में 2.5 पीपीएम का स्तर सुबह छह से नौ बजे और रात नौ से 12 बजे के बीच सबसे ज्यादा रहता है. इस दौरान घरों के खिड़की-दरवाजे बंद रखने चाहिए. पूर्णिया और दरभंगा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच चुका है. रविवार शाम चार बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक पूर्णिया में एक्यूआइ 423 था और दरंभगा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 422 पहुंच गया था. वहीं राजधानी पटना की बात करें तो यहां की हवा भी बेहद खराब हो गयी है. रविवार को पटना का एक्यूआइ 378 था. शनिवार की तुलना में अधिक है. 

प्रदूषण से बचने की करें कोशिश
प्रदूषण से बचने के लिए जरूरी उपाय करने चाहिए. घर से बाहर जाने पर मास्क पहनें यह धूल-धुएं से बचाएगा. प्रदूषण त्वचा और आंखों को भी प्रभावित कर सकता है. चश्मे का भी प्रयोग करें. नौ बजे के बाद खिड़की-दरवाजे खोलकर हवा व धूप को घर के अंदर आने दें. मुंह पर मास्क लगा कर बाहर निकल रहे हैं, तो उसे बार-बार टच नहीं करें. ऐसा करने से आप अपने गंदे और प्रदूषित हाथ मुंह और नाक जैसे संवेदनशील अंग के पास लगा लेंगे. घर में भी नियमित धूलकणों की सफाई करते रहे हैं क्योंकि घर की डस्ट भी उतना ही प्रदूषण फैलाती है. उड़ती हुई धूल पर पानी के छींटे गिराएं. सरकार व प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन जरूर करें.

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