Ranjeet Saw Murder Case: 29 अप्रैल शाम करीब 6:00 बजे रंजीत साव की उनकी टायर दुकान के पास ही कुछ अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. जिसमें पुलिस ने चार आरोपी बीजू, हिमायु, भोलू यादव और सद्दाम अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ में साजिशकर्ता के रूप में रमेश पांडे का नाम सामने आया.
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झरिया: Ranjeet Saw Murder Case: झरिया के टायर कारोबारी रंजीत साव की हत्या के मामले में भाजपा नेता रमेश पांडे का नाम आया है. इस प्रकरण के बाद धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर अखिल भारतीय तेली महासभा ने महाधरना आयोजित किया. इस धरने में रंजीत साव के परिजन सहित तेली समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए. उन्होंने इस दौरान हत्या के आरोपी रमेश पांडे को गिरफ्तार करने की मांग की. वहीं रमेश पांडे के भाई गणेश पांडे ने भी अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर मामले की निष्पक्ष जांच सीआईडी या फिर सीबीआई से करने की मांग की.
रंजीत साव के परिजनों ने दिया धरना
जानकारी के मुताबिक, 29 अप्रैल शाम करीब 6:00 बजे रंजीत साव की उनकी टायर शोरूम के पास ही कुछ अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. जिसमें पुलिस ने चार आरोपी बीजू, हिमायु, भोलू यादव और सद्दाम अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों को फिर से रिमांड पर लेकर पूछताछ में साजिशकर्ता के रूप में रमेश पांडे का नाम सामने आया. इसके बाद रंजीत साव के परिजनों ने रमेश पांडे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय तेली महासभा के पूर्व अध्यक्ष बलदेव महतो ने कहा कि रंजीत साव की हत्या में साजिशकर्ता रमेश पांडे का नाम आया है, पर पुलिस अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है. उनका कहना है कि कोई कार्रवाई न होने से आरोपी खुलेआम मर्डर करके घूम रहा है और धमकी दे रहा है. लोगों का कहना है कि टुंडी निवासी नारायण साहू की हत्या भी गांव के लोगों ने कर दी, लेकिन पुलिस चुप है.
रमेश पांडेय ने की निष्पक्ष जांच की मांग
वहीं गणेश पांडे ने बताया कि अखबार के माध्यम से पता चला कि रंजीत साव हत्याकांड में रमेश पांडे का नाम आ रहा है. पकड़े गए आरोपी द्वारा जेल में बंद अमन सिंह ने सुपारी लेकर रंजीत साव की हत्या कराई. सवाल यह है कि रमेश पांडे जेल में बंद अमन सिंह से कैसे मिला. सवाल उठता है कि फोन के माध्यम से या फिर अन्य किसी माध्यम से. अगर वह मिला हो तो उनकी जांच होनी चाहिए. किसी आरोपी के बयान पर किसी को फसाना वह भी 302 में यह सरासर ग़लत है. यदि मेरा भाई इस हत्या में संलिप्त है तो करवाई हो साथ ही गणेश पांडे ने कहा कि इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके.
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