Religious Significance: भविष्यपुराण में पौधारोपण का धार्मिक महत्व, जानें कैसे मिलता है स्वर्ग और सुख
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Religious Significance: भविष्यपुराण में पौधारोपण का धार्मिक महत्व, जानें कैसे मिलता है स्वर्ग और सुख

Religious Significance: जामुन का पेड़ धन प्राप्ति का साधन माना गया है. इसे लगाने से आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है. वहीं, तेंदू का पेड़ बुद्धि को शुद्ध करता है और सही दिशा में सोचने की क्षमता प्रदान करता है. भविष्यपुराण में इन दोनों पेड़ों के धार्मिक और जीवनशैली पर सकारात्मक प्रभाव का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है.

 

Religious Significance: भविष्यपुराण में पौधारोपण का धार्मिक महत्व, जानें कैसे मिलता है स्वर्ग और सुख

Religious Significance: आचार्य मदन मोहन के अनुसार भविष्यपुराण में पौधारोपण का धार्मिक महत्व बहुत खास है. हिन्दू धर्म में प्रकृति और वृक्षों का गहरा संबंध माना गया है और शास्त्रों में वृक्षों की पूजा को पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आध्यात्मिक महत्व भी दिया गया है. भविष्यपुराण में विभिन्न प्रकार के वृक्षों का वर्णन किया गया है और उनके रोपण से प्राप्त होने वाले लाभों का विस्तार से उल्लेख किया गया है.

अशोक-वृक्ष और शोक का नाश
आचार्य मदन मोहन के अनुसार भविष्यपुराण में कहा गया है कि अशोक-वृक्ष का रोपण करने से जीवन में कभी शोक का सामना नहीं करना पड़ता. 'अशोक' नाम से ही यह संकेत मिलता है कि यह वृक्ष शोक और दुःख को दूर करता है. इस वृक्ष को लगाने से जीवन में शांति, सुख और मानसिक संतुलन बना रहता है. यह दुखों को कम करने और मन को शांत करने का प्रतीक है.

प्लक्ष (पाकड़) और उत्तम स्त्री सुख
भविष्यपुराण में प्लक्ष या पाकड़ वृक्ष का रोपण करने से श्रेष्ठ जीवनसाथी प्राप्त होता है. इसे स्त्री सुख का प्रतीक माना गया है. यह वृक्ष न केवल विवाहिक सुख देता है, बल्कि ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक भी है, जिससे व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है.

बिल्ववृक्ष और दीर्घायु
बिल्ववृक्ष को भगवान शिव से जोड़ा गया है और इसका धार्मिक महत्त्व बहुत अधिक है. इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से विशेष पुण्य मिलता है. भविष्यपुराण में लिखा है कि बिल्ववृक्ष का रोपण करने से व्यक्ति दीर्घायु होता है और उसे स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है.

जामुन और तेंदू वृक्ष के लाभ
जामुन का वृक्ष धन प्राप्ति का कारक माना जाता है. इसे लगाने से आर्थिक समृद्धि बढ़ती है. तेंदू वृक्ष का धार्मिक महत्त्व भी है. यह व्यक्ति की बुद्धि को शुद्ध करता है और उसे सही दिशा में सोचने की शक्ति प्रदान करता है. इन दोनों वृक्षों के धार्मिक और मानसिक लाभ भविष्यपुराण में विस्तार से बताए गए हैं.

अनार (दाडिम) और स्त्री सुख:
अनार जिसे दाडिम भी कहा जाता है, का वृक्ष स्वास्थ्य के साथ-साथ स्त्री सुख की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. इसे लगाने से पारिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है. इसके धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी शास्त्रों में विशेष रूप से उल्लेखित हैं.

धातकी (धव) और वटवृक्ष का महत्त्व
धातकी या धव वृक्ष का रोपण करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है. भविष्यपुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति धातकी वृक्ष लगाता है, उसे स्वर्ग-सुख प्राप्त होता है. वटवृक्ष का धार्मिक महत्त्व मोक्ष से जुड़ा हुआ है. इसे जीवन के स्थायित्व, पुनर्जन्म और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है.

अन्य महत्वपूर्ण वृक्ष और उनके लाभ
आम्रवृक्ष (आम) इच्छाओं की पूर्ति में सहायक होता है. इसे लगाने से जीवन में संतोष और अभिलाषाओं की पूर्ति होती है.
गुवाक (सुपारी) सिद्धियों की प्राप्ति का स्रोत है और इसे सफलता का प्रतीक माना जाता है.

कदम्ब वृक्ष धन और लक्ष्मी प्राप्ति के लिए जाना जाता है, जबकि शमी-वृक्ष को रोग नाशक माना गया है. केशर-वृक्ष शत्रुओं के नाश और विजय प्राप्ति का प्रतीक है.

पौधारोपणऔर स्वर्ग प्राप्ति का संबंध
भविष्यपुराण में यह भी कहा गया है कि विधिपूर्वक वृक्षों का रोपण करने से व्यक्ति को स्वर्ग-सुख की प्राप्ति होती है. इसका वर्णन है कि पौधारोपणकरने से तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. उदाहरण के लिए शीशम, अर्जुन, जयंती, करवीर, बेल और पलाश जैसे वृक्षों को लगाने से न केवल पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति भी होती है.

पौधारोपणकी विधि और धार्मिक प्रभाव
वृक्षों को सही विधि से लगाने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा धार्मिक प्रभाव पड़ता है. पौधारोपणसे न केवल पर्यावरण सुधरता है, बल्कि यह व्यक्ति के स्वास्थ्य, समृद्धि और मानसिक शांति के लिए भी आवश्यक माना गया है. भविष्यपुराण में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति विधिपूर्वक वृक्ष लगाता है, तो उसे जीवन में सुख और सफलता की प्राप्ति होती है.

इस प्रकार भविष्यपुराण में वर्णित वृक्षों के धार्मिक और आध्यात्मिक लाभों से स्पष्ट होता है कि हिन्दू धर्म में वृक्षों का विशेष स्थान है. पौधारोपणसे न केवल पर्यावरण का संरक्षण होता है, बल्कि व्यक्ति को स्वर्ग-सुख, दीर्घायु, धन-समृद्धि और पापों से मुक्ति भी मिलती है.

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