Vice President Salary 2022: जगदीप धनखड़ लेंगे आज उपराष्ट्रपति की शपथ, जानें क्या-क्या मिलेंगे अधिकार
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Vice President Salary 2022: जगदीप धनखड़ लेंगे आज उपराष्ट्रपति की शपथ, जानें क्या-क्या मिलेंगे अधिकार

Vice President Salary 2022: उपराष्ट्रपति पद के लिए सैलरी का कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि, उपराष्ट्रपति राज्यसभा का अध्यक्ष भी होता है, इसलिए उन्हें अध्यक्ष के तौर पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं.

(फाइल फोटो)

पटनाः Vice President Salary 2022: देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ होंगे. जगदीप धनखड़ आज 12:30 बजे उपराष्ट्रपति की शपथ लेंगे. शपथ समारोह का आयोजन राष्ट्रपति भवन में होगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगी. 

वहीं बता दें कि हाल ही में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की शानदार जीत हुई थी. इस चुनाव में उन्होंने 528 वोटों से जीत हासिल की थी. वहीं विपक्ष में खड़े हुए उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले थे. बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 725 वोट डालें गए थे.   

कितनी होती है सैलरी? 
देश में उपराष्ट्रपति की सैलरी संसद अधिकारी के वेतन और भत्ते अधिनियम 1953 के तहत तय होती है. उपराष्ट्रपति की वैसे अलग से कोई सैलरी नहीं होती है. यानी उपराष्ट्रपति पद के लिए सैलरी का कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि, उपराष्ट्रपति राज्यसभा का अध्यक्ष भी होता है, इसलिए उन्हें अध्यक्ष के तौर पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं. फिलहाल उपराष्ट्रपति को हर महीने 4 लाख रुपये सैलरी दी जाती है. साथ ही कई भत्ते भी दिए जाते है. बता दें कि उपराष्ट्रपति का वेतन 2018 में बढ़ाया गया था. इससे पहले उपराष्ट्रपति को 1.25 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन के तौर पर मिलते थे. 

क्या होते है अधिकार? 
उपराष्ट्रपति भारत का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक कार्यालय है. साथ ही वे राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं. राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति ही उनके दायित्वों का निर्वहन करते हैं. उप-राष्ट्रपति पद से जुड़े किसी भी मामले की सुनवाई केवल सुप्रीम कोर्ट ही करता है. 

एक व्यक्ति कितनी बार बन सकता है उपराष्ट्रपति?
जब कोई एक बार उपराष्ट्रपति के लिए चुन लिया जाता है तो वह पांच साल तक उस पद पर रहता है. इसके बाद उसे दोबारा चुनकर आना होता है. उपराष्ट्रपति बनने के लिए और पुनर्निर्वाचन के लिए कोई सीमा नहीं है. एक व्यक्ति कितनी बार बी सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठ सकता है. बता दें कि अब तक राजेंद्र प्रसाद एक से अधिक बार इस पद पर रहे है. देश के पहले राष्ट्रपति दो बार निर्वाचित हुए है. वह 12 से अधिक वर्ष तक पद पर रहे है. 

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