Bihar News: पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है और पूर्वज आशीर्वाद देने के लिए परिवार के सदस्यों को आते हैं. दूसरा भाग शुक्ल पक्ष होता है, जिसमें मां दुर्गा की पूजा की जाती है.
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Ashwin Month 2023: इस साल अश्विन मास 30 सितंबर 2023 को दिन शनिवार को शुरू होगा और 28 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगा. इस महीने का आगमन भाद्रपद पूर्णिमा के बाद होता है और इसका पहला दिन पितृ पक्ष के द्वितीय तिथि के साथ आता है.
आचार्य मदन मोहन के अनुसार बता दें कि अश्विन मास का महत्व धार्मिक और पूजा के लिए बहुत उच्च माना जाता है. इस महीना को दो भागों में बांटा जाता है. पहला भाग कृष्ण पक्ष होता है और इसे पितृपक्ष कहते हैं. इस में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है और पूर्वज आशीर्वाद देने के लिए परिवार के सदस्यों को आते हैं. दूसरा भाग शुक्ल पक्ष होता है, जिसमें मां दुर्गा की पूजा की जाती है.
आचार्य के अनुसार इस मास में दुर्गा पूजा के नौ दिन होते हैं, जिनमें देवी पूजन करने से सभी संकटों का नाश होता है. दशहरा के दिन श्रीराम की पूजा करके रावण दहन किया जाता है. अश्विन मास की समाप्ति शरद पूर्णिमा पर होती है, जब मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती है और भक्तों को धन-धान्य का वरदान देती हैं. इस मास में कुछ नियमों का पालन करना भी महत्वपूर्ण होता है.
उन्होंने आगे बताया कि इस में दूध, बैंगन, मूली, मसूर की दाल, चना आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही प्याज-लहसून और तामसिक भोजन को त्याग देना चाहिए. दान, मंत्र जाप, देवी साधना इस मास में अधिक पुण्यदायी होती हैं और ब्रह्मचर्य का पालन करना और किसी से बैर न रखना भी यहां के नियमों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अश्विन मास हिन्दू पंचांग के अनुसार महत्वपूर्ण और धार्मिक महीना होता है, जो देवी और पितृ पूजा के साथ सभी के लिए आशीर्वाद और शांति लेकर आता है.
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