अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि गिरफ्तार किए गए प्रभारी थाना अध्यक्ष का आगे क्या होगा, लेकिन गिरफ्तारी के बाद भी उनका कहना था कि पैसे का हर जगह मोल है, सब कुछ मैनेज हो जाएगा.
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Muzaffarpur: पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार के मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब से मौत के बाद भी नीतीश सरकार के साहब नहीं मान रहे हैं. शुक्रवार की देर रात जिले के सदर थाना क्षेत्र के कच्ची पक्की इलाके में एंटी लिकर टास्क फोर्स की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर एक गाड़ी में लदे 22 ड्रम कच्चा स्प्रिट पकड़ा.
इसके बाद जब तलाशी शुरू की तो करजा थाना के प्रभारी थाना अध्यक्ष PSI बीके यादव और एक सदर थाना के चौकीदार का पुत्र शराब माफिया से डील करते हुए पाया गया जिसकी सूचना Anti-Liquor task Force द्वारा SSP सहित बड़े अधिकारियों को दी गई.
वही फोन पर पूछे जाने पर बड़े अधिकारियों को करजा थाना के प्रभारी थाना अध्यक्ष ने कहा कि शराब की सूचना पर छापेमारी करने आए थे लेकिन पुलिस मैनुअल के अनुसार कोई भी थानाध्यक्ष दूसरे थाना क्षेत्र में छापेमारी या फिर किसी क्रिमिनल की गिरफ्तारी के लिए अपने बड़े अधिकारियों से इजाजत मिलने के बाद ही उक्त थाना के सहयोग से छापेमारी और गिरफ्तारी करते हैं.
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ऐसा कुछ नहीं किया साहब ने वह सिर्फ इसलिए क्योंकि यह डील शराब माफिया से थी. दूसरे को शामिल करने के बाद परेशानी बढ़ जाती.
आपको बता दें कि गिरफ्तार PSI बीके यादव पूर्व में भी सदर थाना में एक मवेशी को ले जा रहे व्यवसाई से भी लूटपाट और छिनतई मामले में वरीय अधिकारियों द्वारा निलंबित किए गए थे, जिसमें मवेशी व्यवसाई ने यह आरोप लगाया था कि जबरन उनसे दो लाख छीना गया.
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पूरे मामले में घटना CCTV में कैद हो गई थी जिसके बाद अधिकारियों ने कार्रवाई की थी लेकिन इसके बाद भी बीके यादव ने अपनी आदत नहीं छोड़ी. कहा जा सकता है कि पूर्ण शराब बंदी वाले बिहार में सुशासन बाबू के अधिकारी जहरीली शराब से लोगों की मौत और पुलिस कर्मियों की शहादत की परवाह किए बगैर सिर्फ अपने जेब की भरपाई करने में लगे हैं.
अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि गिरफ्तार किए गए प्रभारी थाना अध्यक्ष का आगे क्या होगा, लेकिन गिरफ्तारी के बाद भी उनका कहना था कि पैसे का हर जगह मोल है, सब कुछ मैनेज हो जाएगा.
पूरे मामले पर पूछे जाने पर नगर डीएसपी राम नरेश पासवान ने कहा कि सदर थाना इलाके में शराब का कंसाइनमेंट पकड़ा गया जिसमें चालक द्वारा पूछताछ के दौरान बताया गया कि करजा थाना के प्रभारी थाना अध्यक्ष भी उस दौरान मौके पर थे जिन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई.
इसके बाद मामला संदेहास्पद देखता हुआ प्रतीत हुआ तो डिटेन कर लिया गया है. आगे की कार्रवाई जारी है. मामला दर्ज कर उचित कानूनी कार्रवाई होगी. वही पूछे जाने पर डीएसपी नगर कहा कि पूर्व में भी उक्त पदाधिकारी द्वारा जिले के सदर थाना इलाके में एक मवेशी व्यवसाई से दो लाख लूटपाट मामले में कार्रवाई हुई थी, आगे भी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू है.