Dhirendra Shastri: बाबा के दरबार में 10 लाख की भीड़! टेंशन में नीतीश कुमार की पूरी सरकार
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Dhirendra Shastri: बाबा के दरबार में 10 लाख की भीड़! टेंशन में नीतीश कुमार की पूरी सरकार

पटना में बाबा ने गदर काट दिया. उनके कार्यक्रम में हर रोज लाखों की संख्या में भक्तों का रेला पहुंचा. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि उनके कार्यक्रम में 10 लाख की भीड़ पहुंची थी.

धीरेंद्र शास्त्री

Dhirendra Shastri Political Effect: बागेश्वर धाम के महाराज यानी पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर बिहार का राजनीतिक पारा सातवें आसमान पर है. राजद नेताओं के कड़े विरोध और धमकियों के बाद भी पटना में बाबा ने गदर काट दिया. उनके कार्यक्रम में हर रोज लाखों की संख्या में भक्तों का रेला पहुंचा. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि उनके कार्यक्रम में 10 लाख की भीड़ पहुंची थी. धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम अब अपने समापन पर है लेकिन जाने से पहले बाबा ने फिर से आने का वादा कर दिया. बाबा 27 सितंबर को फिर से बिहार लौटेंगे. इस बार वो गया में अपना दरबार लगाएंगे. बाबा के अगले दौरे के अनाउंसमेंट से महागठबंधन की सांसें फूलने लगी है. 

 

दरअसल, देश में अगले साल मई तक लोकसभा चुनाव होने हैं. आम चुनावों के लिए तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी हैं. सितंबर तक चुनावी माहौल अपने पूरे सबाब में होगा. उस वक्त धीरेंद्र शास्त्री का बिहार दौरा महागठबंधन के साथियों के लिए हानिकारक हो सकता है. हिंदू राष्ट्र और सनातन सरकार की बात करने वाले बाबा के दरबार में यदि आगे भी इसी तरह की भीड़ जुटी तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है. यही वजह है कि राजद ने शुरू में बाबा का खूब विरोध किया लेकिन उनके बिहार पहुंचते ही विरोध के स्वर थम गए. 

पटना में बाबा की कथा में प्रतिदिन लाखों की संख्या में भक्त पहुंचे. इतनी भीड़ उमड़ी कि पैर रखने तक की जगह नहीं है. भक्तों का रेला देखकर बाबा काफी प्रसन्न दिखाई दिए. लेकिन इन सबके बीच सियासत भी चरम पर है. कोई नेता बाबा का सारथी बन गया, तो कोई आरती उतारने लगा. किसी ने विरोध की बात कही, तो किसी ने निमंत्रण ठुकरा दिया. राजद के कड़े विरोध के बाद भी बाबा नहीं माने और हिंदू राष्ट्र वाला बयान दे ही डाला. उन्होंने कहा कि मुझे अपना हिंदू राष्ट्र वाला संकल्प बिहार से पूरा होता दिख रहा है.

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अब बाबा तो वापस चले जाएंगे लेकिन उनका ये बयान बिहार के राजनीतिक गलियारों में गूंजता रहेगा. पक्ष-विपक्ष दोनों सितंबर तक इसी बयान पर नूराकुश्ती करते हुए दिखाई देंगे. बाबा ने अभी जो बीज बोया है, सितंबर तक बीजेपी उसे खाद-पानी देकर हरा-भरा पेड़ तैयार करने की कोशिश करेगी और 2024 में इस पेड़ से फल भी लेने की कोशिश करेगी. 

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