Bengaluru Opposition Meeting: विपक्षी बैठक में क्यों नहीं बोले नीतीश कुमार-लालू यादव, क्या कांग्रेस ने की ओवरटेक करने की कोशिश?
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1785867

Bengaluru Opposition Meeting: विपक्षी बैठक में क्यों नहीं बोले नीतीश कुमार-लालू यादव, क्या कांग्रेस ने की ओवरटेक करने की कोशिश?

इस बैठक के साथ सभी विपक्षी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हालांकि, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के मुख्य दलों की ओर से ना सीएम नीतीश कुमार दिखे, ना ही डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और राजद सुप्रीमो लालू यादव नजर आए. विपक्ष भले ही इस बैठक को कामयाब बता रहा हो, लेकिन नीतीश, लालू और तेजस्वी की दूरी कई सवाल खड़े कर रही है. 

विपक्षी एकता

Bengaluru Opposition Meeting Impact: देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. आम चुनावों को देखते हुए सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी रणनीति तैयार करने में जुटे हैं. मंगलवार (18 जुलाई) को बेंगलुरु में मोदी विरोधी नेताओं का जमावड़ा लगा. इसमें बीजेपी को हराने के लिए चर्चा हुई. बैठक में सर्वसम्मति से यूपीए (UPA) का नाम बदलकर INDIA रखा गया. इस बैठक के साथ सभी विपक्षी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हालांकि, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के मुख्य दलों की ओर से ना सीएम नीतीश कुमार दिखे, ना ही डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और राजद सुप्रीमो लालू यादव नजर आए. विपक्ष भले ही इस बैठक को कामयाब बता रहा हो, लेकिन नीतीश, लालू और तेजस्वी की दूरी कई सवाल खड़े कर रही है. 

बता दें कि इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस कर रही थी, जबकि विपक्षी एकता की नींव नीतीश कुमार ने रखी थी. उन्होंने पटना में विपक्षी दलों को एकजुट करके अपनी राजनीतिक क्षमता का प्रदर्शन किया था. नीतीश ने जो नींव रखी थी, कांग्रेस अब उस पर बिल्डिंग खड़ी करने की कोशिश कर रही है. बेंगलुरु बैठक में सोनिया गांधी के आने से नीतीश कुमार की मेहनत को कांग्रेस ने अपने खाते में जोड़ने की कोशिश की. इस बैठक में कांग्रेस ये मैसेज देने में सफल हुई कि कांग्रेस ही देश में मोदी का विकल्प है. इतना ही नहीं राहुल ने साफ कर दिया कि लड़ाई अब सोनिया वर्सेस मोदी होगी, तो नीतीश कहां रहे? 

ये भी पढ़ें- विपक्षी एकता का नाम 'INDIA', भाजपा का तंज, इंडिया को लूटने वाले ने ही अपना नाम इंडिया रख लिया

अब सवाल ये है कि नीतीश को तवज्जो नहीं मिलने से लालू यादव और तेजस्वी यादव क्यों नाराज हुए. राजद नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा क्यों नहीं लिया. इसका सीधा सा जवाब है कि लालू यादव अपने बेटे यानी तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. अब जबतक नीतीश कुमार बिहार को नहीं छोड़ेंगे, तबतक ये संभव नहीं है. यही कारण है कि लालू यादव नीतीश कुमार को दिल्ली भेजने की कोशिश कर रहे हैं. मीडिया में तो ये भी चर्चा है कि राजद और जदयू में समझौता भी इसी बात का है. 

ये भी पढ़ें- बेंगलुरु में विपक्षी एकता की बैठक से नीतीश कुमार को क्या मिला?

वहीं बेंगलुरु बैठक में कांग्रेस ने दोनों के अरमानों पर पानी फेरने का काम किया. कहा ये भी जा रहा है कि नीतीश कुमार ने यूपीए का नाम बदलकर पीडीए करने का सुझाव रखा था. पटना बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा भी हुई थी. पटना बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से विपक्ष का संयोजक चुना गया था. बेंगलुरु में इस पर आधिकारिक मुहर लगनी थी. लेकिन कांग्रेस ने संयोजक के नाम पर कोई चर्चा नहीं की. दूसरी ओर यूपीए का नाम INDIA रखने का आइडिया राहुल गांधी का बताया जा रहा है. यदि ये बात सही है तो बैंगलुरु बैठक में नीतीश कुमार को पूरी तरह से इग्नोर करने की कोशिश की गई. यही वजह है कि बिहार के तीनों बड़े नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस से दूर रहे.

Trending news