Bihar Diwas 2024: एक बिहारी सब पर भारी... यह लाइन आपने कई बार सुनी होगी. ये लाइन जितनी छोटी है, इसका भाव उतना ही भारी है. यह वही बिहार है जिसने आइंस्टीन को चुनौती देते हुए दुनिया को शून्य दिया. नालंदा यूनिवर्सिटी से ज्ञान लेने विश्व के कोने-कोने से लोग यहां आते थे. इतना ही नहीं कई सारे महान शासक इसी बिहार की पवित्र धरती पर पले, बढ़े और बड़े हुए. भारत को पहला राष्ट्रपति भी इसी बिहार ने दिया. आगामी 22 मार्च को बिहार दिवस सेलीब्रेट किया जाना है. 22 मार्च 1912 को बिहार अस्तित्व में आया था. इसके पहले बिहार और बंगाल प्रांत एक ही थे. आगामी 22 मार्च को बिहार के 112 वर्ष पूरे हो जाएंगे. इन वर्षों में बिहार के निवासियों (बिहारियों) ने देश के साथ-साथ विदेशी धरती पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. दुनिया को लोकतंत्र से परिचित कराने वाले बिहार के लोग कई देशों में प्रधानमंत्री से राष्ट्रपति तक रह चुके हैं.
- शिवसागर रामगुलाम- शिवसागर रामगुलाम मारिशस के प्रथम मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री एवं छठे गवर्नर-जनरल थे. वे हिन्दू धर्म के अनुयायी, हिन्दी भाषा के पक्षधर और भारतीय संस्कृति के पोषक थे. उनके कार्यकाल में मारिशस में हिन्दी के पठन-पाठन में बहुत प्रगति हुई. विपरीत परिस्थितियों और अभाव के रहते हुए भी उन्होंने हिन्दी के विकास में कोई कमी नहीं रखी.
- नवीन रामचंद्र गुलाम- मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम का संबंध भी बिहार से है. उनके पूर्वज बिहार के भोजपुर जिले के हरिगांव के रहने वाले हैं. नवीन चंद्र रामगुलाम के पिता सर शिवसागर रामगुलाम को मॉरीशस के राष्ट्रपिता का दर्जा प्राप्त है. मॉरीशस के लोग शिवसागर रामगुलाम को गांधी जी की तरह पूजते हैं. बिहारी और भारतीय होने के नाते नवीन चंद्र रामगुलाम से नीतीश कुमार के बेहतर रिश्ते रहे हैं. बता दें कि नवीनचंद्र रामगुलाम वर्ष 2005 से 2014 तक मॉरीशस के प्रधानमंत्री रहे हैं और वे लेबर पार्टी (मॉरीशस) के नेता हैं.
- छेदी भरत जगन- छेदी भरत जगन दक्षिण अमेरिका के गयाना देश के सबसे बड़े नेताओं में से एक रहे. छेदी भरत जगन को गयाना में राष्ट्रपिता के रूप में देखा जाता है. 1953 में वह ब्रिटिश गयाना के पहले मुख्य मंत्री चुने गये और 1961-1964 तक ब्रिटिश गयाना के प्रधानमंत्री रहे. स्वतंत्रता के बाद 1992-1997 तक वह गयाना के राष्ट्रपति रहे.
- चंद्रिका प्रसाद उर्फ चान संतोखी- सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद उर्फ चान संतोखी भी भारतीय मूल के हैं. चंद्रिका पुलिस अधिकारी से राजनेता बने हैं. 63 साल के चंद्रिकाप्रसाद का जन्म 3 फरवरी 1959 को भारतीय-सूनीनामीज हिंदू परिवार में हुआ था. 19वीं सदी की शुरुआत में संतोखी के दादा को अंग्रेज बिहार से मजदूर के रूप में सूरीनाम ले गए थे.
- वेवल रामखेलावन- सेशेल्स के राष्ट्रपति रामखेलावन भी भारतीय मूल के हैं. रामखेलावन के दादा बिहार के रहने वाले थे. रामखेलावन के पिता मेटल का काम करते थे, जबकि मां शिक्षिका थीं. रामखेलावन का जन्म 15 मार्च 1961 में हुआ था.
- समीर पांडे- भारतीय मूल (बिहार) के पार्षद समीर पांडे को 22 मई 2023 को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में पररामट्टा शहर के लॉर्ड मेयर के रूप में चुना गया. समीर इस पद पर पहुंचने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं. करीब बीस साल पहले ऑस्ट्रेलिया पहुंचे समीर पांडे आईटी विशेषज्ञ होने के साथ-साथ उद्योगपति भी हैं.
- राजकेश्वर पुरयाग- मॉरिशस के पूर्व राष्ट्रपति राजकेश्वर पुरयाग का बिहार के गांव वाजितपुर से गहरा नाता है. परदादा पुरयाग नोनिया इसी गांव में पैदा हुए थे और करीब 150 साल पहले मॉरीशस गए थे. 2013 में जब राजकेश्वर पुरयाग यहां पहुंचे थे तो अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए थे.