Bihar Politics: अमित शाह की राह पर तेजस्वी यादव! दरवाजा बंद पार्ट 2 पॉलिटिक्स शुरू
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Bihar Politics: अमित शाह की राह पर तेजस्वी यादव! दरवाजा बंद पार्ट 2 पॉलिटिक्स शुरू

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव के कुछ महीने पहले अमित शाह ने नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद किए थे, लेकिन चुनावी जंग से पहले बीजेपी ने पलक-पावड़े बिछाकर स्वागत किया. अब तेजस्वी यादव ने भी दरवाजे बंद कर लिए हैं.

अमित शाह की राह पर तेजस्वी यादव!

Tejashwi Yadav On Nitish Kumar: लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद विपक्ष को लगता था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से पलटी मारेंगे, जिससे उन लोगों को भी केंद्र और प्रदेश में सत्ता सुख भोगने को मिलेगा, लेकिन अब विपक्ष का धैर्य समाप्त हो गया है. शायद यही वजह है कि अब उनके लिए दरवाजे बंद होने की बयानबाजी शुरू हो गई है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने तीन बार नीतीश कुमार का कल्याण कर दिया, लेकिन अब उनके लिए सभी दरवाजे बंद हैं. तेजस्वी ने आगे कहा कि ये वे लोग हैं जिन्हें महागठबंधन में वापस आने की तड़प उठती है तो गिड़गिड़ाकर हमारे पैर पकड़ लेते हैं. उस वक्त ये लोग कहते हैं कि हमको ले लीजिए, लेकिन अब कोई मतलब नहीं है, उन लोगों को वापस लेने का. लोकसभा चुनाव के कुछ महीने पहले ऐसा ही बयान अमित शाह ने दिया था. जब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ थे, तब बीजेपी नेताओं की ओर से उनको पलटूराम कहा जाता था. अमित शाह ने नवादा रैली में कहा था कि नीतीश कुमार के लिए एनडीए के दरवाजे बंद चुके हैं.

हालांकि, 2024 लोकसभा का जब काउंटडाउन शुरू हुआ और चुनावी बाजी बिछाने का अंतिम समय आया तो जेडीयू-बीजेपी के बीच के सभी दरवाजे खुल गए. इतना ही नहीं बीजेपी ने नीतीश कुमार को उनके हिस्से की सारी सीटें भी दी थीं. अब तेजस्वी यादव भी शाह को कॉपी करते हुए दिख रहे हैं. इसके दो मतलब हो सकते हैं पहला- नीतीश-तेजस्वी में कोई खिचड़ी पक रही है और दोनों नहीं चाहते कि बीजेपी को इसका पता चले. दूसरा- तेजस्वी यादव भी अमित शाह की राह पर निकल पड़े हैं. सभी को पता है कि राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता है. समय के अनुसार, दोस्ती-दुश्मनी बदलती रहती है. तेजस्वी यादव के बयान पर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है. जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर तंज कसा है.

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पीके ने कहा कि गांव में कहा जाता है कि दरवाजा बंद करने के बाद भी अगर ताला नहीं लगाया, तो कोई भी अंदर आ सकता है. अमित शाह ने नीतीश कुमार के लिए दरवाजा बंद तो किया है, लेकिन सिटकनी लगाना भूल गए. अब तेजस्वी भी वही काम कर रहे हैं. पीके ने कहा कि तेजस्वी यादव जब विपक्ष में थे तो बिहार के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बेहद खराब बताई जाती थी, लेकिन जब उन्हें उपमुख्यमंत्री बना गया तो वही बिहार उन्हें स्वीटजरलैंड नजर आने लगा. तेजस्वी के बयान पर बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार क्या किसी के सामने गिड़गिड़ा सकते हैं? वह जहां हैं, वहीं रहेंगे. कुछ लोग आते-जाते हैं. आने और जाने वालों से आप पूछिए कि वह क्यों आते हैं और क्यों जाते हैं?

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