23 जून को पटना में विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लगना है, उससे ठीक पहले ही महागठबंधन में इतनी बड़ी टूट देखने को मिल गई. कहा जा रहा है कि ये सब बीजेपी के चुनावी चाणक्य अमित शाह के इशारे पर हो रहा है.
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Lok Sabha Election 2024: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब HAM (S) संरक्षक जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने बिहार मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. 23 जून को पटना में विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लगना है, उससे ठीक पहले ही महागठबंधन में इतनी बड़ी टूट देखने को मिल गई. कहा जा रहा है कि ये सब बीजेपी के चुनावी चाणक्य अमित शाह के इशारे पर हो रहा है. दरअसल, मांझी काफी दिनों से एनडीए में वापसी करने की सोच रहे थे. दिल्ली में अमित शाह के साथ उनकी डील भी पक्की हो गई थी, बस शाह को सही वक्त का इंतजार था. विपक्ष की मीटिंग से ठीक संतोष मांझी के इस्तीफे ने नीतीश की कोशिशों पर पानी फेरने का काम किया है. इससे जनता के सामने भी विपक्षी एकता की पोल खुल गई.
वहीं कर्नाटक में मिली शिकस्त से बीजेपी को एकजुट विपक्ष का खतरा महसूस हो चुका है. 2024 में जीत हैट्रिक लगाने के लिए अब वह 2014 वाले प्लान पर ही काम करेगी. इस प्लान के तहत क्षेत्रिय दलों से समझौता किया जाएगा. इसी के तहत आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी सुप्रीमो एन. चंद्रबाबू नायडू को भी वापस एनडीए में शामिल किया जाएगा. चंद्रबाबू इस वक्त अमित शाह के संपर्क में हैं और किसी भी वक्त एनडीए में वापसी कर सकते हैं. यदि ऐसा हो गया तो ये नीतीश कुमार के लिए दूसरा बड़ा झटका होगा.
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दरअसल कर्नाटक गंवाने के बाद बीजेपी दक्षिण भारत से पूरी तरह बाहर हो चुकी है. कर्नाटक के अलावा अन्य राज्यों में पार्टी का कोई विशेष प्रभाव भी नहीं है. यहां तक की उसके सामने उम्मीदवारों का भी समस्या खड़ी हो जाती है. इसीलिए चंद्रबाबू के साथ समझौता किया जा रहा है. चंद्रबाबू केवल लोकसभा चुनाव ही नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के साथ मिलकर लड़ेंगे. आंध्र प्रदेश में TDP बड़े भाई की भूमिका में होगी, जबकि तेलंगाना में BJP बड़े भाई के रूप में दिखाई देगी. इसी तरह से पंजाब में अकाली दल को फिर से साथ लाने की कोशिश चल रही है, हालांकि इसमें कैप्टन अमरिंदर बड़ी रुकावट बन सकते हैं.
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जब पटना में मोदी के खिलाफ विपक्ष अपनी ताकत का इजहार कर होगा, तभी चंद्रबाबू नायडू को एनडीए में एंट्री दी जाएगी. इससे विपक्षी एकता को मिलने वाली मीडिया कवरेज को भटकाया जाएगा. उधर चिराग पासवान और मुकेश सहनी को भी अपने पाले में लाने की कवायद चल रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी जल्द ही अपनी कैबिनेट का विस्तार करने वाले हैं. इसमें चिराग पासवान को भी शामिल किया जाएगा. इस तरह से चिराग की ससम्मान एनडीए में वापसी कराई जाएगी.