Bihar Politics: बिहार में भाजपा की 'फलाहार पॉलिटिक्स' क्या हिंदू वोट बैंक पर निशाना? सियासी बवाल शुरू
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Bihar Politics: बिहार में भाजपा की 'फलाहार पॉलिटिक्स' क्या हिंदू वोट बैंक पर निशाना? सियासी बवाल शुरू

लोकसभा चुनाव अगले साल होने वाला है. इससे पहले सबसे ज्यादा अगर सियासी हंगामा किसी राज्य में इसको लेकर बरपा है तो वह बिहार है. बिहार से ही विपक्षी दलों के गठबंधन INDI Alliance की नींव NDA के खिलाफ रखी गई है. आपको बता दें कि ऐसे में बिहार में सियासी बवाल लगातार जारी है.

(भाजपा नेता)

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव अगले साल होने वाला है. इससे पहले सबसे ज्यादा अगर सियासी हंगामा किसी राज्य में इसको लेकर बरपा है तो वह बिहार है. बिहार से ही विपक्षी दलों के गठबंधन INDI Alliance की नींव NDA के खिलाफ रखी गई है. आपको बता दें कि ऐसे में बिहार में सियासी बवाल लगातार जारी है. लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में दोनों ही गठबंधन के सियासी दल अपनी अपनी चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. ऐसे में यहां भाजपा अपने हिंदुत्व के मुद्दे को हवा दे रही है. 

बिहार में महागठबंधन के इफ्तार पार्टी वाली पॉलिटिक्स के खिलाफ भाजपा फलाहार पॉलिटिक्स के साथ मुकाबला करने के लिए उतरी है. रमजान के महीने में राजद और जदयू के नेता इफ्तार पार्टी का आयोजन करते रहे हैं. अब भाजपा के नेता फलाहार का आयोजन इस नवरात्रि के मौके पर कर रहे हैं. 

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भाजपा के नेता इसको लेकर खुलकर बोल भी रहे हैं कि अगर रमजान के मौके पर इफ्तार का आयोजन हो सकता है तो नवरात्रि के मौके पर जब सनातन धर्म के लोग उपवास करते हैं तो ऐसे में फलाहार पार्टी क्यों नहीं हो सकती है. इस पार्टी के होने में क्या बुराई है. 

ऐसे में बिहार में फलाहार पॉलिटिक्स की धूम है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, प्रदेश के कोषाध्यक्ष राकेश सिन्हा, प्रवक्ता नीरज कुमार के अलावा कई और नेताओं की तरफ से प्रदेश में फलाहार पार्टी का आयोजन किया गया है. इसमें पार्टी के नेता के साथ आम लोग भी आमंत्रित किए गए हैं. यहां फलाहार पार्टियों में पहुंचने वालों की तादाद भी कम नहीं है.

विजय सिन्हा की मानें तो महागठबंधन की तरफ से सियासी दल तुष्टिकरण के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं, वहीं पीएम मोदी के द्वारा सभी वर्गों के संतुष्टिकरण सिद्धांत के तहत यह फलाहार प्रसाद का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फलाहार का आयोजन ऐसे में सकारात्मक संदेश देने के लिए किया गया है. 

विजय सिन्हा के द्वारा आयोजित फलाहार कार्यक्रम में बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अलावा कई और भाजपा नेता नजर आए. वहीं अब इस फलाहार कार्यक्रम पर जेडीयू की नजर टेढ़ी हो गई है. जदयू का कहना है कि भाजपा की राजनीति ही मंदिर के इर्द-गिर्द घूमती है. जेडीयू की तरफ से कहा गया कि 6 महीने बाद भाजपा के नेताओं को फलाहार ही करना होगा और मंदिर में ही बैठना होगा. 

बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने इस पर कहा कि भाजपा को हिंदू-मुसलमान करने के अलावा कुछ भी नहीं आता है. वह यही सब करेंगे लेकिन, जनता क्या चाहती है उसपर कुछ भी नहीं बोलेंगे. इस पर भाजपा नेता ने कहा कि जेडीयू और महागठबंधन के नेताओं के इस फलाहार आयोजन से इतनी घृणा क्यों है. हमने तो इफ्तार का विरोध नहीं किया. सभी को अपने धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन की छूट है.

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