Manoj Manzil: आरा के एमपी/एमएलए कोर्ट ने सीपीआई (एमएल) विधायक मनोज मंजिल को एक मामले में दोषी पाया है. इसके बाद बिहार विधानसभा सचिवालय द्वारा उनकी विधायकी को लेकर अधिसूचना जारी की गई है.
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पटना: बिहार की राजनीति से बड़ी खबर सामने आ रही है. बिहार विधानसभा से सीपीआई (एमएल) विधायक मनोज मंजिल (Manoj Manzil) को अयोग्य घोषित कर दिया गया है. दरअसल मनोज मंजिल पर ये कार्रवाई आरा के एमपी/एमएलए अदालत द्वारा हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद किया गया है. बिहार विधानसभा सचिवालय के द्वारा शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी की गई है. बता दें कि मनोज मंजिल अगिआंव विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. आरा कोर्ट से उम्र कैद की सजा सुनाने के बाद अब उनकी विधायक की सदस्यता भी रद्द कर दी गई है.
बिहार विधानसभा के सचिव राजकुमार के द्वारा जारी किए गए अधिसूचना के तहत ये निर्देशित किया गया है कि अगिआंव विधानसभा 195 के विधायक मनोज मंजिल के विरुद्ध माननीय न्यायालय द्वारा दोषसिद्धि एवं दंडादेश के परिणाम स्वरूप जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा -8 तथा संविधान के अनुच्छेद 191(1)(c) के प्रावधानों के तहत मनोज मंजिल को दोषसिद्धि की 13/02/2024 के प्रभाव से बिहार विधानसभा की सदस्यता से निरर्हित किया जाता है.
बता दें कि अगिआंव विधानसभा क्षेत्र 195 से विधायक मनोज मंजिल समेत 23 आरोपी हत्या के मामले में 13 फरवरी 2024 को आरा कोर्ट ने उम्रकैद के साथ साथ 25 हजार रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई थी. ये मामला अगस्त 2015 में हुए भोजपुर के बड़गांव में जय प्रकाश सिंह के हत्या से जुड़ा है. दरअशल अगस्त 2015 में अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव में माले नेता सतीश यादव की 20 अगस्त को हुए हत्या के सप्ताह भर बाद चौरी थाना क्षेत्र के बेरथ पुल के पास नहर किनारे से एक शव बरामद किया गया था. शव जब बरामद किया गया तब शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी. बाद में आरा सदर अस्पताल में शव के अंत्यपरीक्षण कराने के दौरान जयप्रकाश सिंह के बेटे चंदन ने शव की पहचान अपने पिता के रूप में की थी.
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