दुकान नहीं है हमारी पार्टी, आपलोग करते हैं खरीद-फरोख्त, सरकार से अलग होने के बाद जीतनराम मांझी का ललन सिंह पर बड़ा हमला
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दुकान नहीं है हमारी पार्टी, आपलोग करते हैं खरीद-फरोख्त, सरकार से अलग होने के बाद जीतनराम मांझी का ललन सिंह पर बड़ा हमला

Jitanram Manjhi News: जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा का अगला कदम क्या होगा, यह 18 जून को तय होगा, जब पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक होगी. आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी किधर जाएगी, इस बात को लेकर भी चर्चा हो सकती है. 

जीतनराम मांझी, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक

Bihar News: महागठबंधन सरकार से अलग होने के बाद हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के नेता जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने पहली बार जुबां खोली और छोटी दुकान कहने को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) पर निशाना साधा. जीतनराम मांझी ने कहा, हम उनका सम्मान करते हैं. उनका कहने का जो भी इरादा रहा हो पर दुनिया भर में क्या मैसेज गया. दुकान मतलब जहां खरीद फरोख्त होती है. वो लोग खरीद फरोख्त में विश्वास करते हैं. उनलोगों ने यही किया है. हमने कभी खरीद फरोख्त में भरोसा नहीं किया. हमारी पार्टी दुकान नहीं है. मैंने मुख्यमंत्री के रूप में जनता के हित में 34 निर्णय लिए थे, जिसको पूरा करने के लिए पार्टी का गठन किया. नीतीश कुमार का समर्थन किया पर पानी नाक से उपर चला गया था.  हमने जो फैसले लिए थे, उनको तोड़-मरोड़कर नीतीश कुमार ने या तो आधे काम को इम्प्लीमेंट किया या फिर नहीं किया. हमें जनता को जवाब देना भारी पड़ रहा था. हमारे कार्यकर्ताओं ने तय किया था कि अब नीतीश कुमार के साथ नहीं रहना है. खास तौर से मर्जर का प्रस्ताव हमें गंवारा नहीं था. 

जीतनराम मांझी ने कहा, हम किसी भी पार्टी में मर्जर नहीं करेंगे और हमारी पार्टी इंडिपेंडेंट होकर काम करेगी. हमारे लोग कह रहे हैं कि जीतनराम मांझी ने अच्छा फैसला लिया. 18 तारीख को कार्यसमिति की बैठक बुलाई है, जिसमें तय होगा कि हम लोगों को आगे क्या करना है.

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जीतनराम मांझी ने यह भी कहा, हम राजनीति में सबको सम्मान देने के लिए आए हैं और सम्मान देते भी हैं. जब जीतन राम मांझी 9 महीने बिहार का मुख्यमंत्री रहा तो कौन ऐसा गलत काम था जिसके लिए गैर संवैधानिक कार्य कराकर हमको बाध्य किए कि हम मुख्यमंत्री नहीं रहे. 19 फरवरी को जब राज्यपाल को इस्तीफा देने गए थे, उस समय मेरे पॉकेट में लेटर था कि असेंबली भंग कर दें. अगर हममें महत्वकांक्षी होता कि और हम मुख्यमंत्री रहे तो 6 महीना तो रह ही सकते थे, लेकिन हमने असेंबली भंग नहीं किया और इस्तीफा देना उचित समझा.

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ललन सिंह के बयान पर जीतनराम मांझी बोले, हमने सब दिन कहा है कि हम महागठबंधन में नहीं हैं. हम नीतीश कुमार के साथ थे और अब हम उनसे दूर हो गए हैं. हम महागठबंधन में कब थे. हमने सब दिन कहा है कि हमें महागठबंधन से कोई मतलब नहीं था. हम नीतीश कुमार के साथ हैं. जीतनराम मांझी ने कहा कि शराब और बालू को लेकर हमने नीतीश कुमार से कई शिकायतें की थी लेकिन हमारी नीतीश कुमार ने एक बात नहीं सुनी.

रिपोर्ट- शिवम

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