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पटना: Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधानसभा में कथित रूप से महिलाओं के खिलाफ अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर उपजे विवाद के बीच सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से सरकार के कई मंत्री अपने नेता का बचाव करने के लिए एनसीईआरटी की किताबों को लेकर विधान परिषद में पहुंचे. नीतीश कुमार विधानसभा और विधान परिषद के साथ-साथ पत्रकारों के सामने भी अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांग चुके हैं.
इसके एक दिन बाद मंत्री लेशी सिंह, शीला मंडल और अशोक चौधरी ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आड़े हाथ लेने की ठान ली. सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारे नेता द्वारा जाति आधारित सर्वेक्षण कराने और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाने के ऐतिहासिक कदम उठाने से विपक्षी दल घबरा गया है और वह ध्यान भटकाने वाली रणनीतियों का इस्तेमाल कर रहा है.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेता ने माफी मांगकर उदारता दिखाई है. लेकिन भाजपा साफ तौर पर उन्हें बदनाम करने के एजेंडे पर काम कर रही है. तो अब हम उनका डटकर सामना करेंगे.’’ विधान परिषद में जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के परिषद के सदस्य (एमएलसी) अपनी सीट से खड़े हो गए और मुख्यमंत्री पर राज्य को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग करने लगे. अशोक चौधरी ने 12वीं कक्षा की किताबों के पन्नों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो ‘‘हमारे नेता ने कहा है, वही बात इसमें हैं.’’
चौधरी ने कहा, ‘‘मैं ये किताबें सदन के पटल पर रखता हूं. अगर विपक्ष के सदस्य इतने आश्वस्त हैं कि हमारे नेता का भाषण निंदनीय था, तो केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी होने के नाते उन्हें इन पुस्तकों को बदल देना चाहिए.’’ इस बीच भाजपा के सदस्य हंगामा करते रहे. एक सदस्य ने अपनी सीट से खड़े होकर कहा, ‘‘हम दूर दूर तक उपहास का पात्र बन गये हैं. यहां तक कि एक अमेरिका गायिका ने भी नीतीश कुमार की निंदा की है.’’
वह अफ्रीकी-अमेरिकी गायिका मेरी मिलबेन का हवाला दे रहे थे, जिन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘‘एक्स’’ पर एक संदेश पोस्ट कर कहा था, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करती हूं और भारत से जुड़े घटनाक्रम पर करीब से नजर रखती हूं.’’ उन्होंने दावा किया कि भारत बिहार में ‘‘एक महत्वपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है’’ जहां ‘‘महिलाओं के मूल्य को चुनौती दी जा रही है’’ और ‘‘भाजपा को राज्य का नेतृत्व करने के लिए किसी महिला को सशक्त बनाना चाहिए.’’ परिषद में हंगामा जारी रहने पर सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने विधान परिषद की कार्यवाही को दोपहर एक बजे तक स्थगित कर दिया. जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो भी हंगामा जारी रहा और सदन को भोजनावकाश दोपहर ढाई बजे तक स्थगित कर दिया गया. भोजनावकाश के बाद बिहार विधानपरिषद की कार्यवाही शुरू होने पर भाजपा सदस्य मुख्यमंत्री के इस्तीफे और आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांग के समर्थन में सदन के बीचोंबीच आकर फिर नारेबाजी करने लगे, जिसपर सभापति ने चार बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. चार बजे बिहार विधान परिषद की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर भाजपा सदस्य हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को लेकर राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा की गयी टिप्पणी के विरोध में सदन के बीचोंबीच आकर उनपर दलित विरोधी होने को लेकर नारेबाजी करने लगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उस समय सदन में उपस्थित थे. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच कुछ विधायी कार्यों को संपन्न कराने के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
(इनपुट-भाषा)