Jharkhand Politics: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र आगामी 26 जुलाई से 02 अगस्त तक मानसून सत्र आहूत किया गया है. सत्र के दौरान सुरक्षा के इंतजाम पेश होने वाले विधेयकों को समय पर में विधानसभा सचिवालय को उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा.
Trending Photos
Jharkhand Monsoon Session 2024: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र कल (गुरुवार, 26 जुलाई) से शुरू हो रहा है. मानसून सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों के जरिए विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति तय करेगा. तो वहीं सत्ताधारी दल के पास विपक्ष के हमलो का देगा जवाब. वहीं इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. जहां सत्ता पक्ष का कहना है कि बीजेपी इस बार भी सत्र में हंगामा करेगी तो वहीं बीजेपी का कहना है कि यह सरकार असफल है. झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि विधानसभा का मानसून सत्र कल से शुरू हो रहा है. हम चाहेंगे कि यह सत्र ऐतिहासिक हो और ज्यादा से ज्यादा जनहित के मुद्दे उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि भाजपा भी हमारे साथ आवाज उठाएं कि इस बजट में झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार किया गया.
जेएमएम प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष क्या करता है यह झारखंड की जनता देखेगी. डिपेंड करता है विपक्ष के सत्र सकारात्मक होना चाहिए और यह सब विपक्ष के रवैया पर निर्भर करता है. हमें नहीं लगता कि विपक्ष में इतनी समझ है कि वह सत्र को यादगार बनाएं. वहीं इस पर कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि सत्ता में आने के लिए झूठ ही रणनीति भाजपा तय करती है. इंडिया गठबंधन लोगों के सुख-दुख की साथी बनती है. इस सत्र में जो जनहित के मुद्दे हैं उन पर सरकार पूर्व में भी गंभीर थी और सदन में भी गंभीर रहेगी और सदन के बाद अमली जामा पहनाने का काम करेगी. हमारे लिए पहली प्राथमिकता जानता है और हम जनता के चेहरे पर कैसे मुस्कान लाई जाए, उसकी दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
ये भी पढ़ें- Jharkhand: कुछ सीटों पर बढ़े मुस्लिम वोटर, BJP पहुंची चुनाव आयोग, जानिए एक-एक बूथ
राकेश सिन्हा ने कहा कि विपक्ष स्वस्थ लोकतंत्र का निर्वहन इस राज्य में नहीं कर रहा है जिसके चलते थोड़ी कठिनाई हो रही है. इस पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रतुल सहदेव ने कहा कि यह असफल सरकार है. जितने इन्होंने वादे किए थे किसान युवा और महिलाओं से बेरोजगारों से सबसे इन्होंने वादा खिलाफी की है. जिनको नौकरी देने की बात कही थी उनके ऊपर लाठियां बरसाई है फिर चाहे वह सहायक पुलिस हो या पारा शिक्षक. पूरे राज्य में विधि व्यवस्था चौपट है और रांची क्राइम कैपिटल बन गया है इन सब मुद्दों को सत्र में रखनी चाहिए.