Lok Sabha Election 2024 : नीतीश ने बिहार की सीतामढ़ी लोकसभा सीट से भी एक अधिकारी को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है, जिससे यह साफ हो रहा है कि वह खुद लोकसभा चुनावों में भी भाग लेने का तैयारी कर रहे हैं.
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Lok Sabha Election 2024 : देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा होने में अभी वक्त है और इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा भी नहीं हुआ है. इस बीच जेडीयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले कैंडिडेट की घोषणा कर दी है, लेकिन यह बिहार नहीं, बल्कि अरुणाचल प्रदेश में हुआ है. जेडीयू ने अरुणाचल प्रदेश पश्चिम लोकसभा सीट से अपने प्रदेश अध्यक्ष रुचि तंगुक को उम्मीदवार बनाया है.
नीतीश ने पिछले हफ्ते ही जेडीयू की कमान संभाली थी और महज पांच दिनों में पहले पार्टी के पहले कैंडिडेट की घोषणा करके इंडिया गठबंधन के साथ बैठक में राजनीतिक संकेत दिए हैं. इससे वह सीटों का बंटवारा जल्दी करना चाहते हैं. इसके बावजूद विपक्षी गठबंधन में भूमिका निभा सकती है क्योंकि नीतीश ने अरुणाचल प्रदेश में उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है, जहां वर्तमान में भाजपा की सरकार है. यह राज्य बिहार के बाहर है, लेकिन इसमें होने वाले चुनाव महत्वपूर्ण हो सकते हैं. इसके साथ ही जेडीयू ने यह भी निर्णय लिया है कि वह इस राज्य की विधानसभा चुनावों में भी भाग लेगी.
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष रुचि तंगुक को इस चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी बनाने का निर्णय नीतीश कुमार की नेतृत्व में लिया गया है. उनका चयन कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रयास है और इससे उम्मीद है कि जेडीयू को अरुणाचल प्रदेश में मजबूती मिलेगी. इसके अलावा नीतीश ने बिहार की सीतामढ़ी लोकसभा सीट से भी एक अधिकारी को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है, जिससे यह साफ हो रहा है कि वह खुद लोकसभा चुनावों में भी भाग लेने का तैयारी कर रहे हैं.
इसके आलावा इंडिया गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा अभी बाकी है और वह वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से इस पर चर्चा कर रहे हैं. इस बातचीत में सीटों का बंटवारा और चुनावी मुद्दों पर विचारविमर्श होगा. इससे वहां से उम्मीदवारों का चयन हो सकता है और गठबंधन को मजबूती मिल सकती है. इसके बावजूद विपक्षी दलों के बीच में एक मुद्दा यह है कि कौन सी पार्टी किस सीट पर उम्मीदवार उतारेगी और कौन उसे हराएगा. इस विषय पर बातचीत जल्दी ही हो सकती है और समझौते के माध्यम से सीटों का बंटवारा हो सकता है.
साथ ही नीतीश कुमार कहा कि इस कदम से जेडीयू को चुनावी प्रक्रिया में मजबूती मिल सकती है और इंडिया गठबंधन को बिहार में भी समर्थन मिल सकता है. इससे वह अपनी प्रवृत्ति को बढ़ा सकते हैं और चुनावी प्रचार में भी विपक्षी दलों के साथ एकजुट हो सकते हैं.
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