बीजेपी इस बार पीएम मोदी को वाराणसी के अलावा कन्याकुमारी या कोयंबटूर से मैदान में उतारने की संभावनाएं तलाश रही है. दरअसल, 2019 में बीजेपी को उत्तर भारत में झोली भरके वोट मिले थे. इस बार बीजेपी के सामने पिछले प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती होगी.
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BJP Mission 2024: देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बार पीएम मोदी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष एकजुट हो रहा है. वहीं तीसरी बार सत्ता में आने के लिए बीजेपी ने भी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. एकजुट विपक्ष को मंसूबों को नाकाम करने के लिए बीजेपी इस बार पीएम मोदी को वाराणसी के अलावा कन्याकुमारी या कोयंबटूर से मैदान में उतारने की संभावनाएं तलाश रही है. दरअसल, 2019 में बीजेपी को उत्तर भारत में झोली भरके वोट मिले थे. इस बार बीजेपी के सामने पिछले प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती होगी. एकजुट विपक्ष के आगे ऐसा संभव होता दिखाई नहीं दे रहा है.
लिहाजा, उत्तर भारत में होने वाले नुकसान को बीजेपी दक्षिण भारत में कवर करने की सोच रही है. यही कारण है कि पीएम मोदी को इस बार कन्याकुमारी या कोयंबटूर से भी चुनाव लड़वाया जा सकता है. कन्याकुमारी या कोयंबटूर को बीजेपी की सुरक्षित सीट माना जाता है. पिछले चुनाव में यहां से क्रमशः बीजेपी नेता पोन राधाकृष्णन और सीपी राधाकृष्णन ने जीत हासिल की थी. बीजेपी के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि भगवा पार्टी प्रधानमंत्री को रामनाथपुरम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने की वकालत कर रही है.
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9 जुलाई को हैदराबाद में हुई बीजेपी के प्रदेश अध्यक्षों, संगठन सचिवों और दक्षिण भारत के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में कई नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के रामनाथपुरम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने का विचार रखा था, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है. यह सीट वर्तमान में आईयूएमएल के नवासकानी के पास है. बीजेपी ने इस सीट पर विस्तृत अध्ययन कराया, इसमें पता चला कि पार्टी के पास निर्वाचन क्षेत्र के साथ-साथ बूथ समितियों में भी उचित जमीनी समर्थन नहीं है. पार्टी को अन्नाद्रमुक द्वारा दिए गए समर्थन पर निर्भर रहना होगा, जो वर्तमान में तमिलनाडु में उसकी सहयोगी है.
इसने पार्टी को इस दिशा में सोचने के लिए प्रेरित किया है कि मोदी को कन्याकुमारी या कोयंबटूर से मैदान में उतारा जाए, क्योंकि उनके पास यहां जमीनी स्तर का मजबूत समर्थन है. बीजेपी के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि आरएसएस भी प्रधानमंत्री के दोनों सीटों में से किसी एक से चुनाव लड़ने के विचार को स्वीकार कर रहा है. गौरतलब है कि बीजेपी तमिलनाडु में कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है और पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्य में बड़े पैमाने पर प्रचार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी भी तमिल भाषा, तमिल संस्कृति पर बोल रहे हैं और हाल ही में उन्होंने तमिलनाडु के सेंगोल को नई संसद में स्थापित कराया है.
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राजनीतिक पर्यवेक्षकों की राय है कि बीजेपी मोदी की लोकप्रियता का इस्तेमाल कर तमिलनाडु में बड़ी बढ़त बनाने की योजना बना रही है. कन्याकुमारी और कोयंबटूर दोनों में पार्टी के पास लगभग 80 प्रतिशत बूथ प्रतिनिधित्व है. इसके अलावा कर्नाटक हारने के बाद दक्षिण भारत से बीजेपी का सफाया हो चुका है. मोदी को खड़ा करके पार्टी एक बार फिर से दक्षिण में खुद को खड़ा करने का प्रयास कर सकती है. बता दें कि दक्षिण में कांग्रेस पार्टी को खड़ा करने के लिए इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने क्रमशः चिकमंगलूर, बेल्लारी और वायनाड से चुनाव लड़ चुके हैं.