New Parliament: नई संसद में समाया है पूरा देश! जानिए पुरानी बिल्डिंग से कितना अलग है नया भवन?
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New Parliament: नई संसद में समाया है पूरा देश! जानिए पुरानी बिल्डिंग से कितना अलग है नया भवन?

नई इमारत में लोकसभा और राज्यसभा में क्रमशः 550 और 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है. इसकी तुलना में नए भवन में लोकसभा में 888 सांसदों और राज्यसभा में 384 सदस्यों को समायोजित करने की क्षमता होगी.

नई संसद (File Photo)

New Parliament Building Inauguration: देश की नई संसद भवन का उद्घाटन हो चुका है. पीएम मोदी ने नई संसद बिल्डिंग का उद्घाटन करके इसे देश को समर्पित किया. उद्घाटन समारोह में सर्वधर्म प्रार्थना सभा किया गया था, जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने देश की तरक्की और भाईचारे की प्रार्थना की. इससे पहले पीएम मोदी ने हवन-पूजन किया और उसके बाद नई बिल्डिंग के लोकसभा में सेंगोल की स्थापना की. यह संसद पूरी दुनिया को तेजी से उभरते भारत का संदेश देगी. नया संसद भवन पुरानी बिल्डिंग का स्थान लेगा. हालांकि, पुरानी को नष्ट नहीं किया जाएगा.

बता दें कि पुरानी बिल्डिंग तकरीबन 100 साल पुरानी हो चुकी है. सुरक्षा के लिहाज से इतनी पुरानी बिल्डिंग खतरनाक थी इसलिए काफी पहले से उसको बदलने का विचार चल रहा था. अब पुराने भवन में मरम्मत का काम होगा और इसका भी इस्तेमाल होता रहेगा. बेहतर कामकाज में दोनों भवन साथ काम करेंगे. इसके अलावा पुराने भवन के एक हिस्से को म्यूजियम में बदलने की योजना है. 

नई संसद में समाया है पूरा देश

नई संसद में पूरा देश समाया हुआ है, मतलब इस बिल्डिंग के निर्माण में इस्तेमाल हुई सामग्री देश के कई राज्यों से है. जैसे- बलुआ पत्थर को राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया है. इस पत्थर से ही लालकिला और हुमायूं का मकबरा बना था. स्टोन जाली वर्क्स को राजस्थान के राजनगर और यूपी के नोएडा से है. यूपी के मिर्जापुर से लाई गई कारपेट बिछाई गई है. त्रिपुरा के बांस का इस्तेमाल हुआ है. महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई सागौन की लकड़ी का प्रयोग किया गया है. नई संसद में लगे राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ में प्रयोग की जाने वाली चीजों को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगाया गया था.

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नई संसद और पुरानी में अंतर?

नया संसद भवन लगभग 64,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला है. वहीं पुरानी संसद बिल्डिंग एक गोलाकार भवन है जिसका व्यास 170.69 मीटर और परिधि 536.33 मीटर है. नई इमारत में लोकसभा और राज्यसभा में क्रमशः 550 और 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है. इसकी तुलना में नए भवन में लोकसभा में 888 सांसदों और राज्यसभा में 384 सदस्यों को समायोजित करने की क्षमता होगी. नए भवन में मौजूदा संसद भवन की तरह सेंट्रल हॉल नहीं है. पुराने भवन में अग्नि सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय था, क्योंकि इसे मौजूदा अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अनुसार डिजाइन नहीं किया गया था. जबकि नई बिल्डिंग में सभी बातों का ध्यान रखा गया है. 

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