Bihar Politics: बिहार के सियासी 'प्रेशर कुकर' में आखिर क्या पक रहा है, जानिए इसका स्वाद नीतीश के लिए कैसा होगा?
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1877379

Bihar Politics: बिहार के सियासी 'प्रेशर कुकर' में आखिर क्या पक रहा है, जानिए इसका स्वाद नीतीश के लिए कैसा होगा?

बिहार में महागठबंधन में शामिल होकर नीतीश कुमार राजद, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के साथ सरकार चला रहे हैं. वहीं नीतीश कुमार ने लगातार कोशिश कर विपक्षी दलों को केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक मंच पर ला दिया है.

फाइल फोटो

Bihar Politics: बिहार में महागठबंधन में शामिल होकर नीतीश कुमार राजद, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के साथ सरकार चला रहे हैं. वहीं नीतीश कुमार ने लगातार कोशिश कर विपक्षी दलों को केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक मंच पर ला दिया है. INDIA Alliance की अभी तक तीन बैठकें हो चुकी हैं. ऐसे में NDA से अलग होने के बाद से नीतीश कुमार का रूख भाजपा को लेकर बेहद कठोर हो गया था. अब नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों से भाजपा के प्रति सॉफ्ट रूख अपना रहे हैं. 

बिहार में सरकार गठन के बाद से केंद्र के कार्यक्रमों का लगातार बहिष्कार कर रहे नीतीश कुमार G20 की बैठक के दौरान आयोजित भोज में शामिल होने पहुंचे और पीएम के साथ उनकी नजदीकियां भी दिखीं. इसके बाद 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर नीतीश कुमार ने उन्हें ट्वीट कर बधाई भी दी और उनके दीर्घायु होने की कामना भी की. वहीं दूसरी तरफ बिहार पहुंचे केंद्रीय मंत्री अमित शाह नें मिथिलांचल की धरती से नीतीश कुमार से ज्यादा लालू यादव और उनके परिवार पर हमला बोला. 

ये भी पढ़ें- नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने मंत्री के साथ जो किया उसे देख सभी रह गए भौंचक्के!

यहां अमित शाह का तेवर महागठबंधन को लेकर जैसा पहले तल्ख रहता था वैसा नहीं था. हां, राजद सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव पर वह जरूर तल्ख टिप्पणी करते नजर आए. यहां इशारों में अमित शाह ने बिहार में तेल-पानी के मेल वाली बात भी बोल दी और जदयू और राजद के गठबंधन को बेमेल बता दिया. कुछ महीनों के भीतर शाह का यह छठा बिहार दौरा था. नीतीश के बारे में जिस तरह से पिछली रौलियों में शाह कहते रहे कि उनके लिए NDA के दरवाजे बंद हो गए हैं. इस बार उन्होंने यहां से ऐसा कुछ भी नहीं कहा. 

दरअसल G20 के आयोजन के वक्त राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रात्रि भोज दिया था. इसमें कई विपक्षी राज्यों के मुख्यमंत्री निमंत्रण के बाद भी शामिल नहीं हुए हां नीतीश कुमार इसमें जरूर पहुंचे और लंबे अर्से बाद नीतीश और पीएम मोदी एक साथ हंसते-मुस्कुराते और बातचीत करते नजर आए. इसके बाद अमित शाह का बिहार दौरा हुआ तो उनका रवैया नीतीश को लेकर सॉफ्ट नजर आया जबकि उनके निशाने पर लालू परिवार और खुद राजद सुप्रीम रहे. 

अमित शाह ने यहां रैली में एक बात और कही कि बिहार में जल्द ही चुनाव होंगे. हालांकि इस बात पर गौर करना ज्यादा जरूरी था क्योंकि बिहार में विधानसभा का चुनाव तो 2025 में लोकसभा चुनाव के बाद होना है. ऐसे में शाह का इशारा किस तरफ था. अब इसको लेकर अटकलों का दौर चल पड़ा है. नीतीश कुमार भी समय से पहले चुनाव का दावा कर चुके हैं, आखिर इन दोनों के दावों के पीछे की वजह क्या है यह अब राजनीति के विश्लेषक भी जानने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि नीतीश कुमार ने अमित शाह की रैली के बाद जिस तरह की प्रतिक्रिया दी उससे तो सभी सोच पर विराम लगा दिया. अब ऐसे में बिहार के सियासी प्रेशर कुकर पर क्या पक रहा है और इसका स्वाद नीतीश कुमार के लिए कैसा होगा और वह अपने गठबंधन सहयोगियों को इसके जायके का लुत्फ कितना उठाने देंगे यह तो आनेवाला वक्त ही बताएगा. 
 

Trending news