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पटना: Bihar News: इंडिया ब्लॉक की दिल्ली में 19 दिसंबर को हुई चौथी बैठक के बाद से नीतीश कुमार की नाराजगी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. उस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन का संयोजक बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसका अरविंद केजरीवाल ने समर्थन कर दिया. दिल्ली के सीएम ने न केवल ममता के प्रस्ताव का समर्थन किया, बल्कि एक कदम आगे जाकर खड़गे को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव कर दिया.हालांकि इस पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया. यह सब नीतीश कुमार की आंखों के सामने हो रहा था, जिनकी पार्टी ने उन्हें पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के लिए पटना से लेकर दिल्ली तक पोस्टर पॉलिटिक्स की थी.
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नीतीश कुमार उसके बाद से लेकर अब तक नाराज बताए जा रहे हैं और उनकी नाराजगी से इंडिया ब्लॉक के नेताओं का ब्लड प्रेशर अप एंड डाउन हो रहा है. राजद नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आस्ट्रेलिया दौरा कैंसिल कर दिया तो ललन सिंह जेडीयू अध्यक्ष पद से रुखसत कर दिए गए. नीतीश कुमार ने जेडीयू अध्यक्ष का पद संभाल लिया है. उसके बाद से पार्टी के फैसलों के लिए वे ही अधिकृत हो गए हैं. बताया जा रहा है कि अपनी नाराजगी से नीतीश कुमार ने इंडिया ब्लॉक के नेताओं पर दबाव बढ़ा दिया है.
पहले इस बात की चर्चा थी कि नीतीश कुमार संयोजक बनाए जा सकते हैं और राजद से लेकर कांग्रेस तक इस बात पर सहमत हो चुकी है. इसको लेकर एक वर्चुअल मीटिंग की भी खबरें आईं लेकिन बाद में पता चला कि वह मीटिंग रद्द कर दी गई. हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे और नीतीश कुमार के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसमें लालू प्रसाद भी लाइन पर जुड़े थे. कुछ अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि इस फोन इन टॉकिंग में एनसीपी पवार गुट के नेता शरद पवार भी जुड़े थे. फोन पर नीतीश कुमार को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए. अब खबर आ रही है कि जेडीयू नीतीश कुमार को संयोजक नहीं, बल्कि पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग कर रही है.
बिहार के मंत्री मदन सहनी ने गुरुवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि इंडिया गठबंधन नीतीश कुमार को संयोजक नहीं, प्रधानमंत्री का चेहरा बनाए. सभी दल नीतीश कुमार को अनुभवी, सबसे योग्य चेहरा बता रहे हैं. अगर, नीतीश कुमार सबसे अनुभवी हैं तो संयोजक ही क्यों, प्रधानमंत्री का चेहरा बनाया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि सब पार्टियों की अपनी-अपनी राय है. गठबंधन में फिर सामूहिक रूप से निर्णय लिया जाएगा. सभी दल कहते हैं कि नीतीश कुमार सबसे अनुभवी हैं तो संयोजक क्यों, पीएम का चेहरा बनाया जाए.
सहनी ने कहा कि नीतीश कुमार संयोजक का काम बिना पद के पहले ही कर चुके हैं. इंडिया गठबंधन में शामिल सभी दलों को वे पहले ही साथ ला चुके हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पहले से ही कहते रहे हैं कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है.