महाबैठक में सभी दलों ने एकसुर में कहा कि यदि सभी दल एकजुट हो गए तो बीजेपी को आसानी से हराया जा सकता है. नीतीश कुमार की तरह राहुल गांधी ने भी दावा किया कि एकजुट विपक्ष बीजेपी को 100 सीटों पर समेट देगा.
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Patna Opposition Meeting: बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक जारी है. बैठक में देश भर के मोदी विरोधी नेताओं ने हिस्सा लिया. महाबैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी दलों का संयोजक चुना गया है. सभी दलों के नेताओं ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है. विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम में जुटे नीतीश कुमार के लिए ये बड़ी कामयाबी है. महाबैठक में शामिल सभी दलों के नेताओं ने एकसुर में कहा कि यदि सभी दल एकजुट हो गए तो बीजेपी को आसानी से हराया जा सकता है. आपको याद होगा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भी विपक्ष ऐसे ही एक मंच पर नजर आया था और बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का दावा किया था. लेकिन धरातल पर विपक्षी एकता नजर नहीं आई थी और बीजेपी को 2014 से भी बड़ी जीत हासिल हुई थी. अब सवाल ये है कि ये सबकुछ देखने के बाद भी विपक्षी दल आखिर किस आत्मविश्वास के साथ बीजेपी से न सिर्फ लड़ने, बल्कि हराने की बात कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, महाबैठक में नीतीश कुमार ने वन टू वन फॉर्मूला पेश किया है. नीतीश के मुताबिक, यदि देश की 450 लोकसभा सीटों पर विपक्ष इस फार्मूले के साथ लड़ेगा, तो बीजेपी को 100 सीटों पर समेटा जा सकता है. बीजेपी को भी ये मालूम है कि अगर पूरा विपक्ष 2024 में एकजुट होता है तो उसके लिए राह मुश्किल हो जाएगी. बीजेपी को लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा टेंशन बिहार (40 सीटें), महाराष्ट्र (48 सीटें) और झारखंड (14 सीटें) से मिल सकती है. ये वो राज्य हैं जहां नीतीश कुमार का ये फॉर्मूला लागू हो सकता है. इन राज्यों में विपक्ष पहले भी एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतर चुका है.
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हालांकि पूरे देश में ये फॉर्मूला लागू होना मुश्किल नजर आ रहा है. बीजेपी नेताओं का भी कहना है कि क्या समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी अपने-अपने राज्यों में सीटों की कुर्बानी देंगे. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं जबकि पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं. यहां कांग्रेस क्या कम सीटों पर लड़ने के लिए तैयार होगी? ममता ने तो कांग्रेस को दो टूक कह दिया है कि सीपीएम के साथ वाली कांग्रेस से उसकी दोस्ती नहीं हो सकती है.
देखें संसद में विपक्षी दलों की ताकत
आम आदमी पार्टी – लोकसभा (1) – राज्यसभा (10)
कांग्रेस- लोकसभा (49) – राज्यसभा (31)
जेडीयू – लोकसभा (16)- राज्यसभा (05)
सीपीएम – लोकसभा (03) – राज्यसभा (05)
डीएमके – लोकसभा (24) – राज्यसभा (10)
शिवसेना (उद्धव गुट) – लोकसभा (06)- राज्यसभा (03)
समाजवादी पार्टी – लोकसभा (03) – राज्यसभा (03)
CPI – लोकसभा (02) – राज्यसभा (02)
TMC – लोकसभा (23) – राज्यसभा (12)
NCP – लोकसभा (05) – राज्यसभा (04)
JMM – लोकसभा (01) – राज्यसभा (02)
नेशनल कॉन्फ्रेंस – लोकसभा (03) – राज्यसभा (0)