पटना: Bihar Politics: बिहार में एक पटना एम्स और दूसरा दरभंगा एम्स पास किया गया. पटना एम्स तो बनकर तैयार हो गया वहां लोगों का इलाज भी हो रहा है लेकिन दरभंगा एम्स अभी राजनीति की भेंट चढ़ा हुआ है. वही इसको लेकर आज बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में दरभंगा के सांसद और दरभंगा जिले के बीजेपी विधायकों ने प्रेस वार्ता किया. दरभंगा एम्स को लेकर सांसद गोपाल जी ठाकुर ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की 2016 में दरभंगा एम्स बनाने के लिए हुआ लेकिन अभी तक बिहार सरकार इसको लटकाए हुए है. जब सत्ता में बीजेपी के साथ नीतीश कुमार आये तो उन्होंने डीएमसीएच को अपडेट करने की बात कही लेकिन उसका अस्तित्व नहीं खत्म हो.
डीएमसीएच के बगल में जमीन देने पर बात हुई. 15 सितंबर 2020 को अपने कैबिनेट से 750 बेड कैबिनेट से पास किया गया. लेकिन राज्य सरकार इस मामले में निष्क्रियता दिखा रही है. डीएमसीएच के बगल में जो जमीन मिला था उस में मिट्टी भराई हो गया तो नीतीश कुमार वहां जाते हैं और फिर कहते हैं कि शोभन में बनेगा लेकिन यह जगह काफी गड्ढा है सांसदों ने साफ तौर पर लिख कर दिया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल है कि नीतीश कुमार भड़काने में लगे हैं कि दरभंगा में नहीं बने 1946 में दान में 300 एकड़ जमीन मिला हुआ है. जिसके कई भागों को भर दिया गया है और कई पर अतिक्रमण है लेकिन सरकार उसे खाली नहीं करा रही है.डीएमसीएच कई ऐसे विभाग हैं जो छूट गया उसको नहीं बनाया गया है महागठबंधन के द्वारा एक नाला का निर्माण नहीं किया जा रहा है और नीतीश कुमार 2500 बेड का जो आनन-फानन में निर्णय लेते है जो धूल झोंकना है.
बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने कहा कि नीतीश कुमार अपने 18 सांसदों से दरभंगा एम्स सहरसा ले जाने को क्यों लिख कर भेजा है. भोला यादव जब आरजेडी के विधायक थे तो उन्होंने कहा अशोक पेपर मिल में बनेगा क्यों नीतीश कुमार विकास में राजनीति करेंगे तो मिथिला के लोग उनको जवाब देंगे. वही बीजेपी विधायक जीवेश मिश्रा ने कहा जब कैबिनेट की बैठक में डीएमसीएच के पास जो जमीन एम्स के लिए पास किया तो फिर कैबिनेट के फैसले को क्यों बदलते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे व्यक्ति हैं जो इंगेजमेंट किसी और से करते हैं शादी किसी और से करते हैं और सुहागरात किसी और से मानते है.
इनपुट- रूपेंद्र श्रीवास्तव
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