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पटना: One Nation One Education: देश में शिक्षा व्यवस्था लेकर आए दिन चर्चा होते रहती है. वर्तमान में अगर बात करें तो विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर देश में अभी लगभग 60 स्कूल परीक्षा बोर्ड हैं. देश के अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग बोर्ड अपने अपने करिकुलम, अपने स्कूल मूल्यांकन और अपनी अलग परीक्षा प्रणाली से चलते हैं. ऐसे में सरकार अब सभी को समरूपता में ढालने का काम करने जा रही है. इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और नेशनल असेसमेंट रेगुलेटर द्वारा 'परख' तैयार किया जा रहा है.
क्या है परख ?
परख का फुल फॉर्म है- Performance Assessment, Review, and Analysis of Knowledge for Holistic Development है अर्थात समग्र विकास के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण. इसकी मदद से देश में सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्ड परख की गाइडलाइंस के अनुसार ऑब्जर्व करेंगे. जिसके बाद इसी गाइडलाइंस के अनुसार स्कूलों में पढ़ाई और मूल्यांकन किया जाएगा. परख के अनुसार, छात्रों को इंडस्ट्री स्पेसिफिक शिक्षा प्रदान करने के लिए इवैल्यूएशन स्टैंडर्ड और असेसमेंट को तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
क्यों है इसकी जरूरत?
केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट में ये पाया गया है कि देश के अलग अलग शिक्षा बोर्डों में कक्षा 10 और कक्षा 12 में अलग अलग पाठ्यक्रम और उसके लिए अलग मूल्यांकन मानदंड है. राज्य बोर्ड और सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी सबका अपना तरीका है. ऐसे में जो छात्र राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठते हैं उनके सामने एक असमानता की स्थिति पैदा होती है. इसका फायदा कुछ छात्र को तो मिलता है, वहीं कुछ को इसका नुकसान उठाना पड़ता है.
शिक्षा मंत्रालय ने बीते महीने एक स्टड़ी का हवाला देते हुए कहा था कि देश के सभी बोर्डों के छात्रों के लिए एक समान बेंचमार्क होना चाहिए. इसका उद्देश्य छात्रों का समग्र विकास से है. परख को देश के सभी सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिए बनाया गया है.
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