Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी को एक और तगड़ा झटका तब लगा जब उनको 2 साल की सजा के बाद उनकी संसद सदस्यता खत्म कर दी गई. बता दें कि इससे पहले इंदिरा गांधी की संसद सदस्यता को कोर्ट ने खारिज कर दिया था. जबकि राहुल गांधी की संसद सदस्यता को खारिज करने का फैसला लोकसभा सचिवालय की तरफ से लिया गया है.
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Rahul Gandhi Defamation Case: 'मोदी सरनेम' मामले में राहुल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ सूरत की अदालत ने इस मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा का ऐलान किया. वहीं 12 अप्रैल को इसी मामले में अदालत के सामने पटना में राहुल गांधी को सशरीर पेश होने और अपनी बात रखने को कहा गया है. वहीं राहुल गांधी को एक और तगड़ा झटका तब लगा जब उनको 2 साल की सजा के बाद उनकी संसद सदस्यता खत्म कर दी गई. बता दें कि इससे पहले इंदिरा गांधी की संसद सदस्यता को कोर्ट ने खारिज कर दिया था. जबकि राहुल गांधी की संसद सदस्यता को खारिज करने का फैसला लोकसभा सचिवालय की तरफ से लिया गया है.
बता दें कि लोकसभा सचिवालय से जिस तरह दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की सदस्यता चली गई ऐसा लोकसभा में 5 मौकों पर हो चुका है. 1977 में जनता पार्टी सरकार ने लोकसभा में एक प्रस्ताव पास करके पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सदस्यता छीन ली थी. हालांकि एक महीने के भीतर उनकी सदस्यता फिर से बहाल कर दी गई. वहीं राहुल गांधी की मां और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट कानून के तहत संसद सदस्यता गंवा दी था और बाद में वह चुनाव जीतकर दोबारा संसद में पहुंची थी. राहुल गांधी अभी केरल के वायनाड से कांग्रेस के सांसद हैं. कानून की मानें तो दो साल या इससे ज्यादा की सजा होने पर सांसदों और विधायकों की सदस्यता खत्म हो जाती है. ऐसे में राहुल गांधी के खिलाफ भी इसी को लेकर कार्रवाई की गई है.
लोकसभा सचिवालय की तरफ से राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले में सूरत कोर्ट की तरफ से 2 साल की सजा के बाद यह फैसला लिया गया. लोकसभा सचिवालय की तरफ से राहुल गांधी की सदस्यता को खत्म करने का यह नोटिस जारी किया गया है. लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राहुल गांधी को सूरत की अदालत की तरफ से 2 साल की सजा दी गई है ऐसे में 23 मार्च 2023 से राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त की जाती है.
लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन की कॉपी राहुल गांधी को भी भेज दी गई है. इसके साथ ही इस नोटिस को राष्ट्रपति सचिवालय, मुख्य चुनाव अधिकारी तिरुवनंतपुरम, केरल, एनडीएमसी से सचिव के अलावा लोकसभा सचिवालय को भी भेजा गया है. भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ लिए गए इस फैसले का स्वागत किया है. जबकि कांग्रेस पार्टी इस पूरे मामले में सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रही है.