जेडीयू के खिलाफ मैदान में RCP Singh, भाजपा का भी मिल रहा समर्थन
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जेडीयू के खिलाफ मैदान में RCP Singh, भाजपा का भी मिल रहा समर्थन

जेडीयू से बाहर किये गए आरसीपी सिंह राज्य भर में घूम-घूमकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं. इस कड़ी में जेडीयू की ओर से उन्हें सुपौल में नहीं आने देने की बात कही गयी तो बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री नीरज कुमार बबलू आरसीपी सिंह के समर्थन में सामने आ गए. 

(फाइल फोटो)

पटना : आरसीपी सिंह बिहार में घूम-घूमकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. इस पूरे मामले में बीजेपी का उन्हें समर्थन मिल रहा है. जेडीयू का कहना है कि आरसीपी सिंह 2017 से ही पार्टी के खिलाफ अभियान चला रहे थे. लिहाजा समय रहते तवा और रोटी दोनों पलट दिया गया है. लिहाजा आरसीपी सिंह और बीजेपी दोनों में छटपटाहट है.  

भाजपा का RCP Singh को मिल रहा समर्थन 
बिहार में परिस्थितियां बदली और राजनैतिक समीकरण भी बदल गए हैं. कल तक जो जेडीयू के खेबनहार थे वह अब जेडीयू की जमीन खोंदने पर तूले हुए हैं. जेडीयू से बाहर किये गए आरसीपी सिंह राज्य भर में घूम-घूमकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं. इस कड़ी में जेडीयू की ओर से उन्हें सुपौल में नहीं आने देने की बात कही गयी तो बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री नीरज कुमार बबलू आरसीपी सिंह के समर्थन में सामने आ गए और उन्हें सुपौल से चुनाव तक लड़ने का आमंत्रण देते हुए कहा उन्हें रोकने तक की खुली चुनौती दे दी.  

जेडीयू के खिलाफ केवल आरसीपी सिंह ही मैदान में नहीं
जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ सिर्फ आरसीपी सिंह ही मैदान में नहीं हैं. कभी जेडीयू के चुनावी वैतरणी को पार लगाने वाले रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पदयात्रा निकालने में जुटे हैं. वहीं चिराग पासवान पिछले चुनाव से ही जेडीयू के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. जेडीयू पहले ही कह चुकी है कि 2020 विधानसभा चुनाव में षड्यंत्र के तहत उनकी पार्टी का इस स्थिति में पहुंचाया गया और इसका आरोप भी बीजेपी पर मढ़ा जा रहा है. जेडीयू ने अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि समय रहते हुए तवा और रोटी दोनों पलट दी गयी है. यानी बीजेपी और आरसीपी सिंह को जगह दिखा दिया गया है. 

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हालांकि तवा और रोटी पलटने के बाद भी जेडीयू की समस्या फिलहाल दूर होती नहीं दिख रही है और पार्टी की स्थिति ताड़ से गिरे खजूर पर अटके जैसी हो गयी है. मंत्रिमंडल गठन के साथ ही बीजेपी ने पुरजोर तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी पार्टी जेडीयू और मंत्रिमंडल में शामिल किये गए कई मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अब जेडीयू एक ओर जहां 24 और 25 अगस्त को विधानसभा में बहुमत साबित करने में जुटी है, वहीं 3 सितम्बर को राज्य कार्यकारिणी की बैठक कर पार्टी को दुरुस्त करने और आगे की रणनीति बनाने में जुटेगी.  

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