Bihar Politics: तेजस्वी जुटा रहे जन विश्वास तो खेला करने में बिजी हैं सम्राट, जानें कैसे ऑपरेशन लोटस को दिया गया अंजाम?
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Bihar Politics: तेजस्वी जुटा रहे जन विश्वास तो खेला करने में बिजी हैं सम्राट, जानें कैसे ऑपरेशन लोटस को दिया गया अंजाम?

Bihar Politics: महागठबंधन में हुई टूट यह कोई अचानक होने वाली घटना है यह बीजेपी की लंबी तैयारी का नतीजा है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्ष में यह टूट आने वाले दिनों की तस्वीर बयां करती है. सम्राट चौधरी की मेहनत का नतीजा है कि आज महागठबंधन में भगदड़ मची हुई है. 

सम्राट चौधरी-तेजस्वी यादव

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव से पहले राजद के युवराज यानी तेजस्वी यादव इन दिनों अपनी जन समर्थन यात्रा में निकालने में बिजी हैं. तो वहीं उनके प्रतिद्वंदी यानी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी बड़ी खामोशी से अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं. सम्राट ने मंगलवार (27 फरवरी) को महागठबंधन में फिर से सेंधमारी करते हुए कांग्रेस के 2 और राजद का एक विधायक तोड़ लिया. सम्राट चौधरी कल जब विधानसभा पहुंचे तो उनके साथ एनडीए नहीं बल्कि महागठबंधन के तीन विधायक भी थे. तीनों विधायक सम्राट के साथ जाकर सत्तापक्ष की तरफ बैठ गए. ये नजारा देखकर विपक्ष के होश उड़ गए. जहां खेला होने के दावे तेजस्वी यादव कर रहे थे, वहीं अब उनके साथ ही खिलवाड़ हो रहा है. 

इस तरीके से सम्राट ने 15 दिन के भीतर ही तेजस्वी को दूसरी बार बड़ा झटका दिया है. ऐसा नहीं है कि यह कोई अचानक होने वाली घटना है यह बीजेपी की लंबी तैयारी का नतीजा है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्ष में यह टूट आने वाले दिनों की तस्वीर बयां करती है. सम्राट चौधरी की मेहनत का नतीजा है कि आज महागठबंधन में भगदड़ मची हुई है. सियासी जानकारों का तो ये भी कहना है कि ये सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा, चुनाव आते-आते विपक्ष में और भगदड़ देखने को मिल सकती है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बीजेपी के ऑपरेशन लोटस के पीछे की कहानी तब शुरू होती है जब बिहार में राजद से अलग होकर नीतीश कुमार के एनडीए में जाकर सरकार बनाने की हुई.

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दरअसल, नीतीश ने जब एनडीए में वापसी की तो उनके सामने सबसे पहली चुनौती फ्लोर टेस्ट पास करने की थी. जानकारी के मुताबिक, तेजस्वी की ओर से लगातार 'खेला होने' के दावे से खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कमान संभाली और रणनीति तैयार की. उन्होंने बिहार बीजेपी के दिग्गज नेताओं को दिल्ली बुलाया और टास्क सौंपा. यहीं से बीजेपी के ऑपरेशन लोटस की शुरुआत हुई. शाह के एक्टिव होने पर कांग्रेस पार्टी सावधान हो गई और अपने विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया था. वहीं तेजस्वी यादव भी अपने विधायकों की घेराबंदी में जुट गए. फ्लोर टेस्ट से पहले तेजस्वी ने अपने सभी विधायकों को अपने आवास पर बुलाया और यहीं रोक लिया. उनके खेमे में आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद भी तेजस्वी आवास में घिर गए. 

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कुछ महीने पहले आनंद मोहन को लालू यादव पहले ही अपमानित कर चुके थे. बस यहीं से सम्राट चौधरी को मौका मिल गया. सूत्रों के अनुसार, सम्राट चौधरी ने आनंद मोहन से संपर्क किया और उनको बदला लेने के लिए उत्साहित किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सम्राट का पूरा साथ दिया. आनंद मोहन के विधायक बेटे के जरिए ही राजद में तोड़फोड़ की नींव रखी गई और तेजस्वी यादव को इसकी भनक तक नहीं लगी. सम्राट की मेहनत फ्लोर टेस्ट में साफ देखने को मिली. वहीं तेजस्वी ने भी बीजेपी के तीन विधायक तोड़ लिए थे. इससे सम्राट की जो फजीहत हुई थी, उसका बदला अब ले लिया गया है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस विधायकों पर अभी भी नजरें टिकी हुई हैं. 

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