Samvidhaan Hatya Diwas: 'संविधान हत्या दिवस' पर झारखंड में सियासी महासंग्राम छिड़ा, कांग्रेस ने ऐसे किया पलटवार
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Samvidhaan Hatya Diwas: 'संविधान हत्या दिवस' पर झारखंड में सियासी महासंग्राम छिड़ा, कांग्रेस ने ऐसे किया पलटवार

Jharkhand News: कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि इनके सांसदों ने कई बार संविधान बदलने की बात की. इन लोगों ने 'अबकी बार 400 पार' का नारा देते हुए कहा था कि 400 पार सीटें आएंगी तो हम लोग संविधान बदल देंगे. 

झारखंड बीजेपी बनाम कांग्रेस

Jharkhand Politics: केंद्र सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने का फैसला किया है. इसको लेकर कांग्रेस तिलमिला उठी है. इस मामले में अब झारखंड में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच वॉकयुद्ध शुरू हो गया है. झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसका स्वागत किया. उन्होंने इसे आपातकाल के खिलाफ आवाज बुलंद करने और संविधान की रक्षा के लिए इंदिरा गांधी सरकार की यातनाएं झेलने वाले महान विभूतियों को सच्ची श्रद्धांजलि बताया. वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री एक बार फिर हिपोक्रेसी से भरा एक हेडलाइन बनाने का प्रयास कर रहे हैं. 

पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह वही नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री है, जिन्होंने भारत का संविधान और उसके सिद्धांतों, मूल्यों एवं संस्थानों पर सुनियोजित ढंग से हमला किया. राकेश सिन्हा ने कहा कि इनके सांसदों ने कई बार संविधान बदलने की बात की. इन लोगों ने 'अबकी बार 400 पार' का नारा देते हुए कहा था कि 400 पार सीटें आएंगी तो हम लोग संविधान बदल देंगे. नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने एक बार भी इस बात का खंडन नहीं किया. 

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन ने 'संविधान बचाओ' का नारा दिया था. जिसके कारण 04 जून को भारत के लोगों ने 400 पार का रथ रोक दिया. इसे इतिहास में 'मोदी मुक्ति दिवस' के रूप में जाना जाएगा. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पीएम मोदी ने नैतिक हार से पहले दस सालों तक अघोषित आपातकाल लगा रखा था. यह वही नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री है जिनके वैचारिक परिवार ने नवंबर 1949 में भारत के संविधान को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था. आज जनता की मूल समस्याओं जैसे महंगाई, रोजगार, किसानों का एमएसपी, महिलाओं की सशक्तिकरण जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की घोषणा करते रहते हैं. 

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उधर केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता ने अशोक बड़ाईक ने बताया कि यह निर्णय इसीलिए लिया गया है, क्योंकि 25 जून को कांग्रेस की सरकार में देश के संविधान को तार-तार किया गया था. मौलिक अधिकार का हनन किया गया था. इसको याद करने के लिए संविधान हत्या दिवस के तौर पर मनाया जाएगा. यह बड़ी सौगात है ताकि देशवासी भी उसे कले दिन को याद कर सकें.

रिपोर्ट- धीरज ठाकुर

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