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पटना: बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर पश्चिम चंपारण के दौरे पर हैं वे आज पटना से सड़क मार्ग से वाल्मीकि नगर गए हैं. कहा जा रहा है कि राज्य सरकार ने राज्यपाल को हेलिकॉप्टर उपलब्ध नहीं कराया. ऐसे में राज्यपाल के सड़क मार्ग से चंपारण जाने पर भाजपा ने नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला है.
पश्चिम चंपारण के सांसद और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि राज्यपाल महोदय से बिहार के नागरिक के रूप में में शर्मिंदा हूं बिहार सरकार इतनी ज्यादा आता ताई हो गई है की अनुसूचित जाति के महामहिम बिहार में है तो क्या उनको हेलीकॉप्टर पर बैठ जाएंगे तो क्या हेलीकॉप्टर अपवित्र हो जाएगा. नीतीश कुमार कभी भी उनको हेलीकॉप्टर नहीं देंगे यह महामहिम का बड़प्पन है कि एक शब्द भी नहीं बोलते हैं मुख्यमंत्री और बिहार सरकार की नीचता की सीमा है कि राज्यपाल को हेलीकॉप्टर नहीं दिया जा रहा है. मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम था उस दिन भी हेलीकॉप्टर नहीं दिया गया था. नीतीश कुमार को लगता है की महामहिम केवल कमरे में बैठकर इनका दस्तखत करें. इस तरह से नीतीश कुमार और लालू यादव इमरजेंसी की उपज हैं. लालू यादव के साथ जाकर नीतीश कुमार उस तरह की इमरजेंसी का काम कर रहे हैं जिस तरह से इंदिरा गांधी किया करती थी और उसी तरह का फीडबैक राज्यपाल को दे रहे हैं. नीतीश कुमार का अगले साल राजनीतिक वनवास निश्चित है. 1 मार्च के पहले से वह पूरा भारत भ्रमण कर रहे हैं इनका राजनीति का अंतिम समय आ गया है.
संजय जायसवाल ने अपने फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करते हुए राज्यपाल से माफी तो मांगी ही और साथ ही लिखा कि "मैं बिहार के नागरिक के नाते शर्मिंदा हूँ कि बिहार सरकार इतनी ज्यादा आता तायी हो गई है कि अनुसूचित जाति के महामहिम राज्यपाल अगर हेलिकॉप्टर में बैठ जाएंगे तो क्या हेलिकॉप्टर अपवित्र हो जाएगा? नीतीश कुमार कभी भी महामहिम राज्यपाल जी को हेलिकॉप्टर नहीं दे रहे हैं."
वहीं आरजेडी प्रवक्ता सारिका पासवान ने संजय जायसवाल के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि संजय जयसवाल बहुत शर्मिंदा है और उनको होना भी चाहिए. बीजेपी के द्वारा जिस तरह से बिहार की अनदेखी हुई है उसको लेकर बीजेपी के हर व्यक्ति को शर्मिंदा होना चाहिए. बीजेपी के शासन और बीजेपी शासित प्रदेशों में जितना अनुसूचित जाति जनजाति को प्रताड़ित किया जाता है. उतना कहीं और नहीं होता है. राज्यपाल ने हेलीकॉप्टर की मांग कि या नहीं यह जानकारी नहीं है. बिहार में विकास को देखने का सुगम रास्ता जमीनी है. राज्यपाल महोदय सड़कों से गुजरे होंगे तो जरूर उन्होंने देखा होगा कि बिहार में विकास की बाहर है.
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इसके बाद कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि संजय जायसवाल ही नहीं बल्कि संपूर्ण बीजेपी के लोगों ने ही अपनी मानसिकता को खो दिया है. जो राज्य के प्रथम नागरिक संविधान के रक्षक हैं उनको जात में बांटकर रख दिया है. बीजेपी की यही सोच है कि सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति के साथ ऐसी बातें नेता करते हैं. हेलीकॉप्टर मुहैया नहीं कराया गया. महामहिम राज्य के कल्याण के लिए आए हैं राज्य के संविधान को बचाने के लिए आए हैं और राज्यपाल जी बहुत खुश हैं कि वह गाड़ी से यात्रा करते हैं. बिहार के विकास को देखते हैं. बाल्मीकि नगर बाय रोड गए होंगे. बाल्मीकि नगर को राज्य का कश्मीर कहा जाता है. राज्यपाल महोदय गोवा से आए हैं बिहार के कश्मीर को रोड से जाकर देखे होंगे और उनकी आत्मा प्रफुल्लित हुई होगी कि बिहार कितना विकास कर रहा है. इसी विकास पर बीजेपी की छाती फट रही है. सवाल यह है कि महामहिम हेलीकॉप्टर से जाना चाहते थे कि नहीं. उनकी इच्छा थी कि नहीं वह तो पता चलेगा जब राजभवन से सरकार को कोई पत्र गया होगा कि राज्यपाल महोदय को हेलीकॉप्टर चाहिए. प्रधानमंत्री 8000 करोड़ का अपना प्लेन खरीदे हैं तो राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को हेलीकॉप्टर खरीद के दे देते. वहीं जेडीयू इस सवाल पर बोलने को तैयार नहीं है. JDU के प्रवक्ता हो या नेता महामहिम को हेलीकॉप्टर क्यों नहीं दिया गया इस पर कुछ भी जवाब नहीं दे रहे हैं.