Jharkhand Politics News: झारखंड विधानसभा के निलंबित बीजेपी विधायकों ने 'बालू की दुकानें' लगाकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने हाथों में तख्तियां ले रखी थी. जिन पर 'बालू 1000 रुपए किलो, कैसे बने आवास? 'बालू के नाम पर गरीबों को ठगना बंद करो', 'हेमंत सोरेन का देखो खेल, बालू पेर कर निकाला तेल', 'बालू के लिए मचा हाहाकार सोई है झारखंड सरकार' लिखा था.
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Jharkhand Politics: झारखंड विधानसभा से निलंबित बीजेपी के 18 विधायकों ने मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को सदन के बाहर 'बालू की दुकानें' लगाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. विधायकों ने कहा कि राज्य में मकान और जरूरी निर्माण कराने के लिए बालू नहीं मिल रहा है. अवैध धंधेबाज ऊंची कीमतों पर बालू बेच रहे हैं. उन्हें सरकार ने न सिर्फ खुली छूट दे रखी है, बल्कि यह अवैध कारोबार उसकी संरक्षण में फल-फूल रहा है.
सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले बीजेपी के कई विधायक टोकरियों में बालू लेकर पहुंचे और कॉरिडोर के पास बालू बेचने का उपक्रम करने लगे. टोकरियों पर स्लोगन लिखा था, 'बालू 1000 रुपये किलो, कैसे बने आवास? कुछ विधायकों ने तख्तियां लेकर प्रदर्शन भी किया. तख्तियों में 'बालू के नाम पर गरीबों को ठगना बंद करो', 'हेमंत सोरेन का देखो खेल, बालू पेर कर निकाला तेल', 'बालू के लिए मचा हाहाकार सोई है झारखंड सरकार', 'बालू पर डाका डालने वाली हेमंत सरकार डूब मरो' जैसे स्लोगन लिखा था.
विरोध प्रदर्शन कर रहे बीजेपी विधायकों का कहना है कि एनजीटी की ओर से 15 अक्टूबर तक बालू उठाव पर रोक लगी है, तो सीएम हेमंत सोरेन गरीबों को मुफ्त में बालू देने की घोषणा कैसे कर रहे हैं? बालू का कृत्रिम संकट जानबूझकर पैदा किया गया है, ताकि अवैध धंधेबाज कालाबाजारी कर सकें.
प्रदर्शन करने वाले विधायकों में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, नीरा यादव, बिरंची नारायण, अपर्णा सेन गुप्ता, कुशवाहा शशिभूषण प्रसाद मेहता, अनंत ओझा, नारायण दास, पुष्पा देवी, राज सिन्हा सहित अन्य शामिल थे.
बता दें कि झारखंड विधानसभा के स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने गुरुवार को बीजेपी के कुल 18 विधायकों को सदन में अमर्यादित व्यवहार करने, सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी वेल में धरना देने, सदन की गोपनीयता भंग करने के लिए 2 अगस्त को अपराह्न दो बजे तक के लिए निलंबित कर दिया था.
इनपुट: आईएएएनएस