अगर जेल में हेमंत को दी जा रही यातनाएं तो कोर्ट से अनुरोध कर अपने बैरक का सार्वजनिक कराएं सीसीटीवी फुटेज
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अगर जेल में हेमंत को दी जा रही यातनाएं तो कोर्ट से अनुरोध कर अपने बैरक का सार्वजनिक कराएं सीसीटीवी फुटेज

Jharkhand Politics: कल्पना सोरेन ने लिखा कि इस चुनाव में झारखंड ने 84 वर्षीय जेसुइट पादरी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी की हिरासत में हुई अनुचित मौत, जो भारत के लोकतंत्र और मानवाधिकारों की स्थिति पर एक काला धब्बा है उसका बदला लेने की शुरुआत की है. फादर स्टैन स्वामी रांची में रहकर एक संस्था चलाते थे.

अगर जेल में हेमंत को दी जा रही यातनाएं तो कोर्ट से अनुरोध कर अपने बैरक का सार्वजनिक कराएं सीसीटीवी फुटेज

रांची:  झारखंड में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद एक बार फिर तीखे सियासी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है. झामुमो की नवनिर्वाचित विधायक कल्पना सोरेन ने जेल में बंद हेमंत सोरेन पर जुल्म का आरोप लगाते हुए मानवाधिकार का मुद्दा उठाया है तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि अगर जेल में उन्हें कथित तौर पर यातनाएं दी जा रही हैं, तो, न्यायालय से अनुरोध कर अपने बैरक का सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक कराएं. हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स हैंडल कर रहीं कल्पना सोरेन ने गुरुवार को फेसबुक पर मानवाधिकार हनन विषय पर एक पोस्ट लिखा और इसके साथ हेमंत सोरेन का मामला उठाया.

कल्पना सोरेन ने लिखा कि इस चुनाव में झारखंड ने 84 वर्षीय जेसुइट पादरी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी की हिरासत में हुई अनुचित मौत, जो भारत के लोकतंत्र और मानवाधिकारों की स्थिति पर एक काला धब्बा है उसका बदला लेने की शुरुआत की है. फादर स्टैन स्वामी रांची में रहकर एक संस्था चलाते थे. उन्हें महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव चर्चित हिंसा कांड में यूएपीए के तहत एनआईए ने गिरफ्तार किया था और न्यायिक हिरासत में 2021 में उनकी जेल में मौत हो गई थी. इस पर कई मानवाधिकार संगठनों ने सवाल खड़े किए थे. कल्पना सोरेन ने अपने पोस्ट में यह मामला उठाते हुए आगे लिखा है कि दशकों से आदिवासी समुदायों के अधिकारों के लिए वकालत और लड़ाई लड़ने वाले फादर स्टेन की उच्च आयु और पार्किंसंस रोग के बावजूद, उन्हें भाजपा सरकार द्वारा लगाए गए झूठे आतंकवाद के आरोपों पर जमानत और समुचित चिकित्सा उपचार से वंचित रखा गया. पानी पीने के लिए 25 पैसे का स्ट्रॉ नहीं दिया गया. जेल की स्थितियों से बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण फादर स्टैन की दुर्भाग्यपूर्ण मौत 5 जुलाई 2021 को हिरासत में हो गई. उनकी मौत आतंकवाद के बहाने से विपक्ष और आदिवासियों को दबाने और मानवाधिकार कार्य को अपराधीकरण करने की भाजपा की नीति का उदाहरण है.

कल्पना सोरेन ने स्टैन स्वामी के मामले का उदाहरण देते हुए हेमंत सोरेन के बारे में लिखा है कि जैसे सबसे कमजोर वर्ग के लिए आवाज उठाने वाले फादर स्टेन को संस्थागत उपेक्षा और अन्याय से चुप कराया गया, आज उसी तरह का जुल्म हेमंत सोरेन पर हो रहा है. आज जरूरत है हर एक झारखंडी को हेमंत सोरेन के पक्ष में मजबूती के साथ खड़ा होने की, वरना ये झारखंड को मणिपुर बनाने से बाज नहीं आएंगे. हेमंत सोरेन के सोशल मीडिया अकाउंट पर यह पोस्ट जारी होने के कुछ घंटे बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आक्रामक अंदाज में जवाब दिया है. उन्होंने सीधे हेमंत सोरेन को टैग करते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि आपको बड़ी तमन्ना थी लोगों को उठाकर जेल में डालने की. सत्ता के अहंकार में आपने सैकड़ों निर्दोषों को जेल में डाला. तब, आपको ना तो मानवाधिकार का ख्याल आया, ना जेल के अंदर के बदतर हालात का, लेकिन ईश्वर का न्याय देखिए कि जिस 'जेल के खेल' को आपने शुरू किया. अपने कुकर्मों के कारण आप भी उसी खेल का शिकार हो गए.

मरांडी ने आगे लिखा कि वैसे अब आप बेकार में ही मानवाधिकार और आदिवासी बंधुओं की चिंता में दुबले हुए जा रहे हैं. जब संथाल में सैकड़ों आदिवासी बेटियों को लव जिहाद में फंसाया गया, शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए, गाड़ियों से कुचला गया. तब आपको आदिवासियों की याद नहीं आई? हेमंत जी, यदि आपको जेल में कथित यातनाएं दी जा रही हैं तो, न्यायालय से अनुरोध कर अपने बैरक का सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करवाएं. मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि जेल मैनुअल के अनुसार आपको सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मैं आपके पक्ष में खड़ा रहूंगा और चंपई सोरेन सरकार को जेल मैनुअल के अनुसार सारी सुविधाएं देने के लिए मजबूर कर दूंगा.

इनपुट- आईएएनएस

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