झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बृहस्पतिवार को यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की अफवाहों के बीच दावा किया कि राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता का आशीर्वाद उसके साथ है.
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Ranchi: झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बृहस्पतिवार को यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की अफवाहों के बीच दावा किया कि राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता का आशीर्वाद उसके साथ है. झामुमो ने साथ ही यह भी कहा कि चुनाव आयोग की ओर से कोई भी निर्णय आता है, तो यह कोई अंतिम निर्णय नहीं होगा क्योंकि पार्टी के लिए अन्य विकल्प भी खुले हुए हैं.
'कोई भी निर्णय अंतिम नहीं'
झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव आयोग के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लाभ के पद मामले में फैसले का उल्लेख करते हुए कहा, 'कोई भी निर्णय अंतिम नहीं है. हमारे लिये अन्य विकल्प भी खुले हैं.'
एक सवाल के जवाब में भट्टाचार्य ने दो-टूक कहा कि चुनाव आयोग का कोई भी फैसला अब तक हमारे पास नहीं आया है और हमारे पास अपील में जाने का विकल्प भी मौजूद है. उन्होंने चुनाव आयोग के कामकाज पर भी सवाल उठाते हुए कहा, 'आज भारत का चुनाव आयोग भी सवालों के घेरे में है.' उन्होंने भाजपा सांसद निशिकांत दूबे की ओर संकेत करते हुए आरोप लगाया कि आयोग का फैसला अभी तक आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है, लेकिन भाजपा के सांसद ट्वीट करके पहले ही उसके बारे में जानकारी देते हैं और घोषणा करते हैं.
भट्टाचार्य ने कहा कि इस तरह की घोषणा के बावजूद चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की ओर से कोई खंडन भी नहीं आता है, यह चिंता की बात है. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में न्यायिक संस्थाओं के निर्णय का कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन यहां भाजपा के नेता खुलेआम इस पर चर्चा कर रहे हैं. भट्टाचार्य ने चुनौती भरे अंदाज में कहा कि उनकी पार्टी भाजपा से हर स्तर पर दो-दो हाथ करने को तैयार है और भाजपा को चेताया कि वह राज्य में सरकार बनाने का ख्वाब न पाले, क्योंकि राज्य में वर्ष 2024 तक हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ही झामुमो की गठबंधन सरकार सत्तासीन रहेगी.
'नहीं है इस तरह की कोई भी जानकारी'
राजनीतिक हलकों में आयोग की सलाह पर मुख्यमंत्री सोरेन की विधानसभा सदस्यता खत्म होने की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस प्रकार के किसी निर्णय की जानकारी होने से साफ इनकार किया और कहा कि यह सब अफवाह है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता के बारे में फिलहाल राजभवन से उन्हें कोई आधिकारिक सूचना नहीं प्राप्त हुई है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अपने कार्यकाल में खुद के नाम खनन पट्टा आवंटित कराने के मामले में उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की राय झारखंड के राजभवन पहुंच चुकी है. अब हेमंत सरकार के भविष्य को लेकर राजभवन का फैसला किसी भी क्षण आ सकता है.
इस बीच, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खदान पट्टे के एक मामले में केंद्र पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थानों को खरीदा जा सकता है, लेकिन आप जनता का समर्थन कैसे खरीदेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी ताकत लोगों के समर्थन में है. सोरेन ने एक ट्वीट में कहा, "आप संवैधानिक संस्थानों को खरीद सकते हैं, आप जनता का समर्थन कैसे खरीदेंगे.
(इनपुट: भाषा)