झारखंड में पहली बार शुरू होगी नौका एम्बुलेंस, गंगा नदी के पास रहने वाले लोगों को मिलेगा लाभ
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झारखंड में पहली बार शुरू होगी नौका एम्बुलेंस, गंगा नदी के पास रहने वाले लोगों को मिलेगा लाभ

साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव के अनुसार बता दें कि नदी के ‘दियरा’ क्षेत्र में कई पंचायत हैं. मानसून के दौरान इन इलाकों में पानी भर जाता है जिससे वहां के लोगों को बहुत दिक्कत होती है. वहां से लोगों का संपर्क कट जाता है.

झारखंड में पहली बार शुरू होगी नौका एम्बुलेंस, गंगा नदी के पास रहने वाले लोगों को मिलेगा लाभ

रांची: झारखंड सरकार अगले सप्ताह साहिबगंज से पहली नौका एम्बुलेंस सेवा शुरू करने वाली है. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. नौका एम्बुलेंस सेवा शुरू होने से गंगा नदी के पास ‘दियरा’ क्षेत्र में रहनेवाले दो लाख से ज्यादा लोगों को बेहतर और तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगेंगी.

साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव के अनुसार बता दें कि नदी के ‘दियरा’ क्षेत्र में कई पंचायत हैं. मानसून के दौरान इन इलाकों में पानी भर जाता है जिससे वहां के लोगों को बहुत दिक्कत होती है. वहां से लोगों का संपर्क कट जाता है. उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान टीकाकरण सहित तमाम स्वास्थ्य कार्यक्रम ठप पड़ जाते हैं. इसलिए हमने लोगों को सुचारू स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए नौका एम्बुलेंस शुरू करने का फैसला लिया है. साहिबगंज प्रशासन ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) कोष से दो नौका एम्बुलेंस खरीदी हैं. नौकाएं शुक्रवार को साहिबगंज पहुंचीं. दोनों की कुल कीमत 58.34 (29.17 लाख रुपये प्रत्येक) लाख रुपये है. उपायुक्त ने कहा कि अगर हम ऑक्सीजन सिलेंडर, ईसीजी उपकरण, मरीजों के लिए कैबिन, लैब टेक्नीशियन और अन्य सुविधाओं को शामिल करें तो खर्च करीब 48 लाख रुपये (प्रत्येक नौका एम्बुलेंस) पड़ेगा.

अधिकारी ने बताया कि एम्बुलेंस को आधिकारिक रूप से 15 मई से सेवा में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एक एम्बुलेंस का उपयोग राजमहल इलाके में और दूसरी एम्बुलेंस का साहिबगंज इलाके में इस्तेमाल किया जाएगा. देवघर में स्थापित एम्स के अलावा संथाल परगना इलाके में बमुश्किल ही कोई स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध है. नौका एम्बुलेंस की मदद से मरीजों को आपात स्थिति में बिहार के पूर्णिया और पश्चिम बंगाल के माल्दा ले जाया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि फिलहाल ‘दियरा’ में अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो उसे लकड़ी की नाव से गंगा पार करके अस्पताल ले जाना पड़ता है. नौका एम्बुलेंस में एक साथ छह लोगों को ले जाया जा सकता है.

यादव ने कहा कि नौका एम्बुलेंस मुहैया कराने वाली कंपनी ही अगले दो साल तक इसकी मरम्मत और संचालन का काम करेगी. उन्होंने बताया कि इसके चालक और लैब टेक्नीशियन भी एजेंसी ने ही उपलब्ध कराए हैं. साहिबगंज के सिविल सर्जन डॉक्टर रामदेव पासवान ने कहा कि प्राथमिक चिकित्सा, ईसीजी, ऑक्सीजन इन्हेलर और फ्लो मीटर नौका एम्बुलेंस पर उपलब्ध होगा. अधिकारी ने बताया कि नौका में जीपीएस लगा होगा, आग बुझाने और रात को यात्रा के लिहाज से लाइट की व्यवस्था भी रहेगी. झारखंड सरकार ने हाल ही में रांची से ‘एयर एम्बुलेंस सेवा’ शुरू की है.

इनपुट-  भाषा

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