बाजार में कई नस्ल के बकरे मौजूद हैं और लोग अपने-अपने बजट के अनुसार बकरों की खरीददारी कर रहे हैं.
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Bakrid 2023: बकरीद का पर्व 29 जून को मनाया जाएगा. बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय में कुर्बानी देने का रिवाज है. लोग मंहगे से महंगे बकरे खरीदकर लाते हैं और बकरीद के दिन उनकी कुर्बानी देते हैं. बकरीद के पर्व पर कुर्बानी के लिए देशभर के बकरा मंडी सज गए हैं. बाजार में कई नस्ल के बकरे 5 हज़ार से लेकर 1 लाख तक के मौजूद है. लोग अपने बजट के मुताबिक खरीदारी कर रहे हैं.
बाजार में रांची के आसपास और दूसरे जिले से भी लोग अपने अपने बकरों को बेंचने के लिए लेकर आए हैं.
हजारीबाग से आए फैयाज अहमद ने बताया कि उन्होंने अपने बकरे का नाम सल्लू और सलमान रखा है, जिसकी कीमत 40 और 45 हजार हैं. वही दूसरे बकरा विक्रेताओं ने बताया कि इस बाजार में 1 लाख में भी बकरों की बिक्री हुई है. लगातार हो रही बारिश की वजह से मार्केट थोड़ा नॉर्मल है. वही खरीदारों ने बताया कि मार्केट में कई तरह के बकरे मौजूद हैं. लोग कुर्बानी देने के लिए अपने बजट के अनुसार इसकी खरीदारी कर रहे हैं. लोगों की चाहत होती है अच्छे से अच्छे नस्ल का बकरा कुर्बान करें.
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झारखंड के रांची, तमाड़, चांडिल के अलावे यूपी तथा राजस्थान से भी बकरे बिक्री के लिए आए हैं. खासकर यूपी के इलाहाबाद, प्रयागराज, कौसाम्बी, भरवरी आदि जगहों से बकरे बिक्री के लिए आए हैं. बकरे के कारोबारियों के मुताबिक, इस बार महंगाई के कारण बकरों की बिक्री प्रभावित हुई है. पेट्रोल-डीजल महंगा होने के कारण भाड़ा ज्यादा लगा है. जिसके चलते बकरों के दाम आसमान को छू रहे हैं. एक व्यापारी ने बताया कि इस बार लगभग 100 बकरा वे बिक्री के लिए लाए हैं. जिनमें से काफी बकरे बिक चुके हैं.
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आम बगान मैदान में लगे बकरा बाजार में 'जमनालाल' बकरा सभी के आकर्षण का केंद्र बना है. हर ग्राहक उसके पास जाता है. उसे सहलाता है. उसकी फोटो खींचता है, उसके साथ सेल्फी लेता है. जमनालाल काफी आज्ञाकारी है, मालिक का कहना मानता है. जबकि अन्य बकरे सामान्य हाल-भाव दर्शाते हैं. मो. खलील ने बताया कि ग्राहकों की पहली पसंद सफेद एवं ब्राउन रंग का बकरा है. काले रंग के बकरे को लोग कम पसंद कर रहे हैं.