Jharkhand Ki Khabar: 16 जुलाई की रात्रि में खूंटी-चाईबासा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में पीएलएफआई उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 10 लाख इनामी शनिचरासुरीन मारा गया.
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Ranchi: झारखंड की राजधानी रांची में पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (Central Paramilitary Forces) के द्वारा झारखंड में नक्सलियों (Naxali) और उग्रवादियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इन अभियानों में संयुक्त बलों को बड़ी सफलता मिली है. राज्य पुलिस और सीआरपीएफ (CRPF) द्वारा झारखंड में संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है.
पिछले दो दिनों के दौरान सुरक्षाबलों ने दो इनामी नक्सलियों को मार गिराया. 15 जुलाई गुमला जिले के नक्सल प्रभावित कुरुमगढ़ क्षेत्र के जंगल में भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर 15 लाख इनामी बुद्धेश्वर को मुठभेड़ में मार गिराया. वहीं, दूसरी तरफ 16 जुलाई की रात्रि में खूंटी-चाईबासा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में पीएलएफआई उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 10 लाख इनामी शनिचरासुरीन मारा गया.
'नक्सली बुद्धेश्वर के खिलाफ 109 मामला दर्ज'
माओवादी बुद्धेश्वर को भाकपा माओवादियों के रीजनल कमेटी के साथ साथ कोयल शंख जोन का सचिव भी था. बुद्धेश्वर के खिलाफ गुमला, लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा और गढ़वा जिले में 109 मामले दर्ज थे. नक्सल बुद्धेश्वर के गुमला के कुरूमगढ़ के जंगल में छिपे होने की सूचना थी जिसके बाद सुरक्षाबलों ने 13 जून से अभियान शुरू किया था. अभियान के पहले दिन आईईडी की चपेट में आने से श्वान द्रोण शहीद हो गया था, जबकि उनके हैंडलर को भी गंभीर चोटें आयी थीं.
'आईईडी की चपेट में आने से ग्रामीण की भी मौत'
दूसरे दिन 14 जून को अभियान के दौरान ही सुरक्षाबलों की मदद के लिए आए ग्रामीण की भी मौत आईईडी की चपेट में आने से हो गई थी. गुरुवार की सुबह सुरक्षाबलों की टीम अभियान में ही थी, तभी माओवादियों ने फायरिंग की. जवाबी फायरिंग में बुद्धेश्वर मारा गया।पुलिस ने मौके से एके 47, दो इंसास राइफल, आईईडी, समेत कई अन्य सामान बरामद किए. इधर, 16 जुलाई की रात में खूंटी और चाईबासा जिला के सीमावर्ती क्षेत्र में झारखंड पुलिस के द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा था.
'जोनल कमांडर शनिचर सुरीन उर्फ चरका मारा गया'
अभियान के दौरान ही पुलिस को देखते उग्रवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस द्वारा भी जवाबी कार्रवाई की गई. इसमें एक उग्रवादी मारा गया. मारे गए उग्रवादी की पहचान पीएलएफआई के जोनल कमांडर शनिचर सुरीन उर्फ चरका के रूप में हुई. शनिचर सुरीन के ऊपर 10 लाख का इनाम घोषित था. शनिचर सुरीन मूल रूप ने गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र गुंडीकेरा गांव का रहने वाला था. पुलिस ने मौके से दो पिस्टल आठ बरामद किया है.