Jharkhand News: एजेंसी ने उन्हें पहला समन भेजकर 24 मई को उपस्थित होने को कहा था, लेकिन उन्होंने पत्र भेजकर प्रशासनिक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए तीन हफ्ते की मोहलत की मांग की थी. इसके बाद उन्हें दूसरा समन भेजकर आज यानी मंगलवार को हाजिर होने को कहा गया. मनीष रंजन को उनके और परिजनों के आय-व्यय के ब्यौरे और रिटर्न आदि के कागजात पेश करने को कहा गया है.
Trending Photos
रांची : झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी ने सीनियर आईएएस मनीष रंजन से पूछताछ शुरू कर दी है. एजेंसी की ओर से भेजे गए दूसरे समन पर वह 11.15 बजे एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी के जोनल ऑफिस पहुंचे. एजेंसी इस मामले में पहले से गिरफ्तार रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के मंत्री आलमगीर आलम से उनका आमना-सामना कराएगी. आलमगीर फिलहाल ईडी की रिमांड पर हैं. मनीष रंजन फिलहाल पथ निर्माण और भवन विभाग के सेक्रेटरी हैं. इसके पहले वह लंबे वक्त तक रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी रहे हैं. रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी की ओर से की गई छापेमारी के दौरान ऐसे कई कागजात एवं साक्ष्य मिले हैं, जिनके आधार पर उनकी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है.
एजेंसी ने उन्हें पहला समन भेजकर 24 मई को उपस्थित होने को कहा था, लेकिन उन्होंने पत्र भेजकर प्रशासनिक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए तीन हफ्ते की मोहलत की मांग की थी. इसके बाद उन्हें दूसरा समन भेजकर आज यानी मंगलवार को हाजिर होने को कहा गया. मनीष रंजन को उनके और परिजनों के आय-व्यय के ब्यौरे और रिटर्न आदि के कागजात पेश करने को कहा गया है. बता दें कि ईडी ने 6-7 मई को मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम एवं कुछ अन्य लोगों के ठिकानों की गई छापेमारी में 37 करोड़ से ज्यादा कैश के अलावा कई कागजात और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए थे. इन साक्ष्यों के आधार पर जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में कमीशनखोरी के संगठित खेल का खुलासा हो रहा है.
आईएएस मनीष रंजन को इस कमीशनखोरी नेटवर्क की अहम कड़ी माना जा रहा है. ईडी ने इस स्कैम में गिरफ्तार किए मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल और जहांगीर आलम से 14 दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की और इसके बाद कोर्ट में एक एक्सेल शीट और कागजात पेश किए. इन कागजात में बताया गया है कि जिन लोगों के बीच कमीशन की राशि बंटती रही है, उनके नाम कोर्ड वर्ड में एच, एम, एस, टीसी, सीई आदि लिखे गए हैं.
ईडी ने कोड वर्ड्स को डिकोड किया है और इसके अनुसार एच का अर्थ ऑनरेबल मिनिस्टर और एम का अर्थ मनीष है. एच यानी 'ऑनरेबल मिनिस्टर' आलमगीर आलम इस मामले में 15 मई को गिरफ्तार किए जा चुके हैं और अब एम अर्थात मनीष रंजन भी जांच के रडार पर हैं. पिछले दो वर्षों में ईडी ने सीनियर आईएएस पूजा सिंघल और छवि रंजन को मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया, जबकि दो अन्य आईएएस राजीव अरुण एक्का और रामनिवास यादव से पूछताछ हो चुकी है. मनीष रंजन पांचवें आईएएस हैं, जिनसे ईडी पूछताछ कर रही है.
इनपुट- आईएएनएस
ये भी पढ़िए- Harsh Murder Case : समस्तीपुर लोकसभा चुनाव के प्रचार में शांभवी चौधरी के लिए काम कर रहे थे हर्ष राज