फसल की डिजिटल खरीद-बिक्री में हजारीबाग जिला अव्वल, दो किसानों ने लिखी कामयाबी की दास्तां
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फसल की डिजिटल खरीद-बिक्री में हजारीबाग जिला अव्वल, दो किसानों ने लिखी कामयाबी की दास्तां

 ई-नाम पोर्टल के जरिये किसानों को घर बैठे उपज की सबसे ज्यादा डिजिटल खरीद-बिक्री करने वाला हजारीबाग, देश का पहला जिला बन गया है.

फसल की डिजिटल खरीद-बिक्री में हजारीबाग जिला अव्वल (प्रतीकात्मक फोटो)

Hazaribagh: ई-नाम पोर्टल के जरिये किसानों को घर बैठे उपज की सबसे ज्यादा डिजिटल खरीद-बिक्री करने वाला हजारीबाग, देश का पहला जिला बन गया है. इतना ही नहीं ई-नाम और एफपीओ के जरिये हजारीबाग के किसानों की सफलता की कहानी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) तक भी पहुंच गई है.

ई-नाम पोर्टल के लॉन्च का फायदा किसानों को मिलने लगा है. पोर्टल के जरिये से पैदावार की खरीद-बिक्री के डिजिटल भुगतान को लेकर हजारीबाग जिला देश में अव्वल रहा है. और इसके माध्यम से व्यापार करने में हजारीबाग के दो किसान देश के रोल मॉडल बन गए हैं. अब 1 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हजारीबाग के फुलेश्वर महतो और अशोक मेहता से उनकी सफलता को लेकर बात करेंगे. इन किसानों की सफलता में हजारीबाग बाजार समिति का विशेष योगदान रहा है.

लॉकडाउन के दौरान जब किसानों के लिए बाजार का संकट था. उस दौरान बरकाखुर्द इचाक के अशोक कुमार मेहता ने 821 क्विंटल गेहूं की बिक्री की. अशोक बिना बाजार गए खेत में रहकर ही अपने उत्पादन को बेचने में सफल रहे. 

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वहीं, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र चुरचू प्रखंड से आने वाले किसान फुलेश्वर महतो ने अपनी सब्जी प्रोड्यूसर कंपनी को ना सिर्फ ई नाम पोर्टल से जोड़ा बल्कि 760 और अन्य किसानों को भी इसके साथ जुड़ने के लिए प्रेरित किया.

बता दें कि ई-नाम को राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के नाम से भी जाना जाता है. राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक पैन-इंडिया इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है. जिसे कृषि से संबंधित उपज के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करने के लिए बनाया गया है. इसके माध्यम से देश के किसान अपनी फसलों को कहीं से भी ऑनलाइन बेच सकते हैं और भुगतान अपने बैंक अकाउंट में प्राप्त कर सकते हैं. वर्तमान में इस पोर्टल से 20 राज्यों की एक हजार बाजार समितियां जुड़ी हुई हैं.

 

 

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